किसी के प्रति दया की भावना रखना, किसी की मदद करना, किसी का दर्द कम करने की कोशिश करना… यह सब न सिर्फ आपको एक नेक इंसान बनाता है, बल्कि आपकी सेहत को भी दुरुस्त रखता है। कई अध्ययन से भी यह बात साबित हो चुकी है कि दयालुता की भावना सेहत के लिए अच्छी है। चलिए आज विश्व दया दिवस के मौके पर आपको बताते हैं, दयालु बनने से क्या-क्या फायदे होते हैं।
प्यार के हार्मोन का स्राव
किसी के प्रति दया का भाव ऑक्सीटोन हार्मोन उत्पन्न करता है जिसे लव हार्मोन भी कहते हैं। यह ब्लड प्रेशर को कम करके आपके दिल का ख्याल रखता है। ऑक्सीटोन आत्मविश्वास और आशावादी बनाता है। ऑक्सीटोन हार्मोन को कार्डियो प्रोटेक्टिव भी कहा जाता है, क्योंकि यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करके दिल का ख्याल रखता है।
एनर्जी
एक अध्ययन में शामिल करीब आधे लोगों ने माना कि जब भी वह किसी दूसरे की मदद करते हैं, तो खुद को और मज़बूत और एनर्जेटिक महसूस करते हैं। कई ने माना कि वह शांत और तनावमुक्त हो जाते हैं, जिससे इंसान खुद को अहमियत देने लगता है।
खुशी
2010 में हावर्ड बिज़नेस स्कूल ने 136 देशों में हैप्पीनेस सर्वे किया इसके मुताबिक, जो लोग उदार थे और ज़्यादा दान करते थे वह ज़्यादा खुश थे।
उम्र बढ़ती है
जो दूसरों की मदद करते हैं उन्हें दर्द का अनुभव कम होता है। दूसरों की मदद से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य की दोगुनी रक्षा होती है, जितना एस्प्रीन आपको हृदय रोग से बचाता है। 55 और उससे अधिक उम्र के लोग यदि दो या अधिक संस्थाओं के साथ काम करते हैं, तो उनकी जल्दी मृत्यु की संभावना 44% तक कम हो जाती है।
दर्दनिवारक
किसी का भला करने से एंडोर्फिन हार्मोंन उत्पन्न होता है, यह नेचुरल पेनकिलर है। यानी जब आप दूसरों की मदद करते हैं तो आपको अपने दर्द का अनुभव कम होगा।
तनाव
सामान्य लोगों की तुलना में दयालु व्यक्ति में कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) 22 प्रतिशत कम होता है। यानी दयालु बनकर आप भी अपना स्ट्रैस लेवल कम कर सकते हैं।
एग्ज़ाइटी
ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के मुताबिक, अत्यधिक चिंतित लोगों के ग्रुप ने सप्ताह में कम से कम 6 काम दया की भावना से प्रेरित हो कर किए और एक महीने के अंतर ही उनका मूड आश्चर्यजनक रूप से पॉज़िटिव हो गया।
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