आजकल की ज़िंदगी में बिना गैजेट्स के एक दिन रह पाना भी ज़्यादातर लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। अगर आपको कहा जाए कि एक दिन अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप या टीवी के बिना रह कर देखिए, तो आप में से कई लोग इस बात को सुनने से ही परेशान हो जाएंगे, गैजेट-फ्री डे की बात तो छोड़ ही दीजिए। लेकिन क्या आपने कभी भी इस बात पर ध्यान दिया है कि आपका जीवन गैजेट्स पर कितना ज़्यादा निर्भर करने लगा है!
गैजेट्स पर निर्भरता
सुबह मोबाइल अलार्म की मदद से उठना, आपकी गैजेट्स पर निर्भरता का पहला कदम है। उसके बाद मोबाइल पर ईमेल, मैसेज, सोशल मीडिया व न्यूज़ वेबसाइट खंगालते हुए आपके कदम इस दिशा में काफी दूर जाने लगते हैं। ऐसा महसूस होता है कि अगर ये गैजेट्स न हों, तो जीवन थम सा जाएगा, लेकिन यह सच नहीं है। अगर यकीन नहीं तो अपने जीवन से कम से कम दो दिन बिना गैजेट्स के निकाल कर देखिए और साथ ही देखिए कि यह कदम कैसे आपको अपने और अपनों के और करीब ले आएगा।
बढ़ेगी याद करने की क्षमता
जब आप अपने काम बिना गैजेट्स की मदद लिए खुद से करेंगे, तो आपके सीखने की क्षमता और भी बढ़ जाएगी।
पढ़ने के लिए समय मिलेगा
अगर आपने कोई किताब खरीदी थी और समय की कमी के कारण नहीं पढ़ पाते, तो देखिएगा इन दो दिनों में आपको पढ़ने के लिए खूब सारा समय मिलेगा।
परिवार के साथ करीबी
जो समय खाना खाते हुए आप अपने फोन या टीवी के साथ बिताते थे, अब वो परिवार के साथ होगा। साथ खाना खाने से एक-दूसरे से बात करने का समय मिलेगा। आप सब एक-दूसरे को अपने जीवन में हो रही चीज़ें बता सकेंगे। एक-दूसरे के अनुभवों से सीख सकेंगे, अपनी खुशी और गम बांट सकेंगे और एक दूसरे के बेहद करीब आ जाएंगे।
तन और मन होगा स्वस्थ
परिवार और दोस्तों के साथ खेलने के लिए समय निकालें, लेकिन ध्यान रहे वो गैजेट फ्री खेल हों। दौड़े-भागें, या फिर एक जगह बैठ कर चेस, स्क्रैबल जैसे गेम खेलें। इससे आपका स्वास्थ ठीक रहेगा और आपका अपने परिवार और दोस्तों के साथ नाता और भी गहरा हो जाएगा।
खुद के लिए मिलेगा समय
कई बार जो चीज़ें छोटी महसूस होती हैं, वो मन की शांति के लिए बेहद ज़रूरी होती हैं। कभी यूं ही खाली समय में रात को छत पर लेटकर घंटों तक तारे गिनते रहें, सुबह उठते ही सबसे पहले कुछ पल शांति सें मेडिटेट करें, व्यायाम के लिए समय निकालें, पार्क जाएं, और कोई हॉबी क्लास ज्वाइन कर लें।
इतने फायदे पढ़कर अब आपको अपना एक वीकेंड तो गैजेट् फ्री रखना ही चाहिए। हो सकता है आपको पहले थोड़ी मुश्किल लगे, लेकिन ये आदत आपके जीने का तरीका बदल सकती है।
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