अक्सर लोग अंग्रेजी में कहते हैं कि महिलाएं सुपरवुमन होती है, लेकिन सच्चाई यह है कि आखिर वह इंसान ही होती है। घर, ऑफिस और बच्चों को संभालते-संभालते वह मानसिक तनाव का शिकार हो जाती है। पहले महिलाएं अपनी हालत परिवार के सदस्यों को नहीं बताती थी, लेकिन अब वह खुलकर अपनी परेशानी रखती है। शायद यही वजह है कि लोगों को महिलाओं के तनाव की जानकारी ज़्यादा मिल रही है।
क्या कहती है रिसर्च?
38 देशों में सर्वेक्षण करने वाली एक एनजीओ ने अध्ययन किया, जिसके अनुसार 27 प्रतिशत महिलाओं ने केवल 10 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में वृद्धि की सूचना दी।
सेहत पर तनाव का असर
कमज़ोरी महसूस होना
तनावग्रस्त महिला का कुछ खाने का मन नहीं करता, जिससे उसका असर सेहत पर दिखने लगता है। इससे शरीर में कमज़ोरी आने लगती है।
हृदय की समस्याएं
जब किसी बात से भावनात्मक चोट लगती है, तो तनाव से रक्तचाप बहुत तेजी से बढ़ता है । इससे हृदय गति भी बढ़ती है। ये दिल की सेहत के लिए परेशानी हो सकती है।
सिरदर्द
तनाव से सिरदर्द आम है। अक्सर ऐसा तब होता है जब किसी के बारे में ज़्यादा सोचते हैं। सिरदर्द से नींद न आना, ब्लड प्रेशर बढ़ना, थका हुआ महसूस करना, खाना ठीक से न खाना और अपच जैसी परेशानियां सेहत को नुकसान पहुंचाती है।
मोटापा
तनाव की वजह से कार्टिसोल हार्मोन मेटाबॉलिज्म को सुस्त कर देता है। इसके कारण खाना पूरी तरह नहीं पच पाता है और वज़न बढ़ता है। तनाव के कारण व्यक्ति खाने की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देता है।
गर्भावस्था
गर्भवती महिलाओं को अपने गर्भ में पल रहे बच्चे की चिंता सताने लगती है। साथ ही शारीरिक बदलाव होने से वह तनाव महसूस करने लगती है। इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।
अन्य परेशानियां
किसी भी काम में मन न लगना और काम न होने पर छोटी-सी बात पर गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन आदि स्वाभाविक हो जाता है। इससे रिश्ते में तनाव, खुद के साथ दूसरों को तनाव दे देते हैं। धीरे–धीरे अन्य परेशानी को खड़ी हो जाती है।

तनाव के स्तर को कैसे कम करें
अपने आहार में सुधार
मानसिक तनाव की स्थिति में आहार में विशेषकर संतरा, नींबू, आंवला, केला, दूध, अखरोट, बादाम, वेजिटेबल सूप, हर्बल चाय आदि को शामिल करना बहुत फायदेमंद होता है।
कसरत और योग के लिये समय निकालें
कसरत और योग तनाव से निपटने का बहुत अच्छा तरीका है, कई प्राणयाम और आसन है जिसकी मदद से तनाव से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
म्यूजिक थेरेपी
संगीत शारीरिक और मानसिक रोगों का उपचार करने में मददगार है। संगीत सुनना मनोरंजन के साथ–साथ अकेलेपन और तनाव को भी काफी हद तक कम करता है।
लाफ्टर थेरेपी
हंसी एक दवा के रूप में काम करता है। हंसने से दिमाग के न्यूरो केमिकल्स सक्रिय होकर शरीर को बेहतर अहसास कराते हैं।
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