मॉनसून खत्म होने के बाद अक्टूबर का महीना ढेर सारी खुशियां और त्योहार लेकर आता है। त्योहारों के इस मौसम में देश के अलग-अलग हिस्सों में डांस, म्यूज़िक और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं। ऐसे में जीवन का आनंद लेने के लिए अक्टूबर में आपको कुछ खास चीज़ें करने के साथ ही और कुछ खास जगहों की सैर ज़रूर करनी चाहिये।
कास पठार, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र की फूलों की घाटी के रूप में मशहूर कास पठार मुंबई से 6 घंटे और पुणे से 3 घंटे की दूरी पर स्थित है। जमीन पर फैले हज़ारों खूबसूरत, रंग-बिरंगे फूलों का दृश्य आपका मन मोह लेगा। यहां फूलों की करीब 850 से भी अधिक प्रजातियां हैं।
कब जायें- सितंबर से लेकर अक्टूबर मध्य तक
रामनगर की रामलीला, वाराणसी
यह दुनिया की सबसे पुरानी रामलीला है, जो वाराणसी के अपोजिट गंगा नदी के किनारे होती है। यह करीब 200 साल से हो रही है। हिंदू महाकाव्य रामायण की कहानी को इसमें दोबारा लोगों के सामने जीवंत रूप में पेश किया जाता है। हर साल अनंत चतुर्थी से एक महीने के लिए रामलीला होती है और पूर्णिमा की रात समाप्त होती है।
कब जायें- 12 सिंतबर से 12 अक्टूबर के बीच
राजस्थान इंटरनेशनल लोक-उत्सव, राजस्थान
राजसी मेहरानगढ़ किले में आयोजित होने वाला यह लोक-उत्सव अपनी तरह का बेहद खास आयोजन है, जिसमें संगीत और कला में स्थानीय रंग दिखता है। एजुकेशनल इवेंट, स्टेज परफॉर्मेंस और लेट नाइट जैम सेशन भी इस उत्सव का हिस्सा है। इसे 25 बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय उत्सवों में से एक माना गया है और यूनेस्को भी इसका समर्थन करता है। इस उत्सव में मशहूर गायक, नृतक, कहानीकार आदि शामिल होते हैं।
कब जायें- 10 से 14 अक्टूबर
द तवांग फेस्टिवल, अरुणाचल प्रदेश
तवांग उत्सव में अरुणाचल प्रदेश की अनूठी संस्कृति और विरासत की झलक मिलती है। यह रोमांचक यात्रा को भी बढ़ावा देती है। यहां आपको बौद्ध भिक्षुओं के मंत्रोच्चारण, लोक प्रदर्शनी, आदिवासी डांस आदि देखने को मिलेगा।
कब जायें- 29 से 31 अक्टूबर
कॉर्बेट,बांधवगढ़ और रणथंबौर नेशनल पार्क
अक्टूबर महीने में देश के कई नेशनल पार्क खुल जाते हैं। पशु, पक्षियों की विविधता देखने के लिये ये नेशनल पार्क बेहतरीन विकल्प हैं। रॉयल बंगाल टाइगर और दूसरे अन्य ढेर सारे जानवर आपको यहां खुले में देखने को मिलते हैं।
कब जाएं- कॉर्बेट: 15 अक्टूबर से
कब जाएं – बांधवगढ़: 16 अक्टूबर से
कब जाएं- रणथंबौर: 1 अक्टूबर से
भंडारा फेस्टिवल, महाराष्ट्र
इसे सोमवती उत्सव भी कहा जाता है और यह होली से काफी मिलता-जुलता है। यह जेजुरी के खंडोबा मंदिर में खेला जाता है। जहां भक्तगण मंदिर में चारों ओर और एक-दूसरे पर हल्दी फेंकते हैं। खास बात यह है कि दोपहर के समय मंदिर के देवता का जूलूस निकाला जाता है और पास में ही नदी में उन्हें स्नान कराया जाता है।
कब जायें:- 28 अक्टूबर
समसारा हिमालयन एडिशन, बीर
वेलनेस के प्रति आपको बिल्कुल अलग और अनोखा दृष्टिकोण दिखता है और यह पूरी दुनिया के संगीत प्रेमियों को जोड़ता है। यहां कई वेलनेस और नेचुरल हेल्थ प्रोफेशनल जैसे योग, ताई ची, रेकी, आर्युवेद, चीनी और तिब्बती एक्यूपंक्चर के एक्सपर्ट्स अपना हुनर दिखाते हैं। लोगों को साउंड और विज़न हीलिंग से भी परिचित कराया जाता हैं। यहां बर्फ से ढंके पहाड़ों के बीच इस तरह की अनोखी उपचार पद्धितयां आपको सुकून दिलायेगी।
कब जायें:- 6 से 15 अक्टूबर तो तैयार हो जाइए अपने अक्टूबर को खास बनाने के लिये!
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