अपनी और सबकी सुरक्षा के लिए करें सेफ ड्राइविंग

अपनी और सबकी सुरक्षा के लिए करें सेफ ड्राइविंग

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सड़क पर ड्राइविंग करते समय सिर्फ यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आप ठीक से गाड़ी चला रहे हैं, बल्कि आपको ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने के साथ ही अपने आगे-पीछे चलने वाली गाड़ियों पर भी ध्यान रखना चाहिये। सेफ ड्राइविंग का मतलब है, अपने कॉमन सेंस का इस्तेमाल करते हुये इस तरह गाड़ी चलाना कि खुद के साथ ही सड़क पर चलने वाले बाकी लोग भी सुरक्षित रहे।

दूसरी गाड़ी को रास्ता दें

यदि आप सही लेन में चल रहे हैं, लेकिन पीछे से कोई गाड़ी वाला बहुत जल्दबाजी में है और बार-बार हॉर्न दे रहा है, तो बेहतर होगा कि आप उसे आगे जाने दें। किसी भी गाड़ी का रास्ता रोकना ठीक नहीं है। हो सकता है उसे कोई इमरजेंसी हो, इसलिये खुद सही होने पर के बावजूद भी पीछे वाले को पास ज़रूर दें। याद रखिये जल्दी की बजाय अपने गंतव्य तक सही सलामत पहुंचना ज़रूरी है।

स्पीड लिमिट का रखें ध्यान

यदि किसी रास्ते पर स्पीड लिमिट 30किमी/घंटे का बोर्ड लगा है, तो उसकी अनदेखी न करें। ज़्यादा स्पीड में चलाने पर भले ही आप अपने डेस्टिनेशन तक थोड़ी जल्दी पहुंच जाये, लेकिन स्पीड में गाड़ी होने पर कोई आकस्मिक घटना होने पर उसे कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो जाता है। यदि अचानक से सामने से कोई दूसरी गाड़ी आ जाये या कोई जानवर आ जाये तो स्पीड कम होने पर आसानी से ब्रेक लगा सकते हैं, लेकिन ओवर स्पीड में गाड़ी जल्दी नहीं रुकती, जिससे दुर्घटना हो सकती है। ओवरस्पीड में गाड़ी चलाना खतरनाक होने के साथ ही गैर कानूनी भी है, इसके लिए आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

सड़क पर पैनी नज़र

गाड़ी चलाते समय न सिर्फ सीधे देखें, बल्कि साइड मिरर में भी देखना ज़रूरी है ताकि आपको पीछे से आने वाली गाड़ियों के बारे में पता चल सके। दरअसल, ज़्यादातर एक्सीडेंट की वजह ड्राइवर की लापरवाही होती है। कई बार ड्राईवर का ध्यान सड़क पर नहीं रहता लेकिन आप ऐसी गलती न करें। गाड़ी चलाते समय पूरी तरह अलर्ट रहें और आपका पूरा फोकस रोड पर होना चाहिये।

सीट बेल्ट का इस्तेमाल

कार चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट लगायें। किसी तरह की अनहोनी होने पर यह आपकी हिफाज़त करता है। यदि कार में छोटे बच्चे हैं तो उनके लिए बेबी सीट बेल्ट रखें। यदि आप बाइक चला रहे हैं, तो हमेशा हेलमेट पहनकर ही चलायें।

स्ट्रैस या बीमारी में न करें ड्राइविंग

यदि आप बीमार है या किसी बात को लेकर बहुत तनावग्रस्त हैं, तो गाड़ी न चलायें क्योंकि ऐसी हालत में आप पूरी तरह अलर्ट होकर गाड़ी नहीं चला पायेंगे। आपका दिमाग कहीं और रहता है, इसलिए दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।

बारिश में धीरे चलायें

खराब मौसम और बारिश के समय गाड़ी हमेशा धीरे चलायें क्योंकि ऐसे मौसम में विज़िब्लिटी तो कम होती ही है, साथ ही सड़क के गड्ढ़े आदि भी नज़र नहीं आते इसलिये गाड़ी धीमी ही चलाये।

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