इंसानियत के नाते बच्चे ने उठाया सड़क भरने का ज़िम्मा

इंसानियत के नाते बच्चे ने उठाया सड़क भरने का ज़िम्मा

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किसी भी इंसान के लिये यह बेहद विचलित कर देने वाली घटना होती है, जब उसके सामने कोई व्यक्ति दम तोड़ रहा हो और वह उसकी मदद भी न कर पाये। ज़रा सोचिए कि अगर इस तरह का मंज़र किसी 12 साल के बच्चे के सामने हुआ हो, तो उसके मन पर क्या गुज़रेगी। कुछ समय पहले हैदराबाद के हबसीगुड़ा में रहने वाले 12 साल के रवि तेजा के सामने एक ऐसी सड़क दुर्घटना घटी। इस घटना से रवि इतना बेचैन हो गया कि उसने चीज़ों को अपने हाथ में लेने का फैसला किया और समाज में बदलाव की नई रोशनी लेकर आया।

क्या थी वह घटना?

दरअसल जिस सड़क पर दुर्घटना हुई थी, वहां ढ़ेर सारे गड्ढ़े थे। एक दिन उनमें से एक गड्ढे में  पानी भरा था और इस वजह से एक बाइक सवार उसे देख नहीं पाया। उसका बैलंस बिगड़ा और वह अपनी बीवी और 18 महीने के बच्चे के साथ बाइक समेत नीचे गिर गया। इस एक्सीडेंट से उन तीनों के सिर पर गहरी चोट आई और उन तीनों ने दम तोड़ दिया।

रवि दुर्घटना का यह मंजर देखकर अंदर तक हिल गया और यही वो पल था, जब उसने खुद ही सड़को के गड्ढों को भरने का फैसला किया।

कौन है रवि?

रवि तेजा अपने घर के पास वाले सरकारी स्कूल की छठी क्लास में पढ़ता है। उसके पिता डी सूर्यनारायण एक कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं और उसकी मां नागमणि घर की देखभाल करती हैं। हर दिन, स्कूल के बाद खाली समय में रवि आस-पास से पत्थर इकट्ठे करता है और सड़क के गढ्ढों को भरता है। रवि के मुताबिक जब उसने वह एक्सिडेंट देखा, तब उसने अपनी तरफ से कुछ करने की ठान ली और गड्ढों को भरना शुरु कर दिया। रवि चाहता है कि गड्ढ़ों की वजह से किसी की जान न जायें या कोई ऐसी दुर्घटना न हो।

रवि के इस प्रयास को न केवल स्थानीय निवासियों से बल्कि पूरे देश से तारीफ मिल रही है।

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