उम्र के शतक से बस कुछ दूर थी ‘सबसे बुजुर्गं योग महिला’

उम्र के शतक से बस कुछ दूर थी ‘सबसे बुजुर्गं योग महिला’

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वैसे तो उनका नाम नानम्मल था, लेकिन लोग उन्हें ‘बुजुर्गं योग महिला’ की पहचान से भी जानते आये हैं। नानम्मल तमिलनाडु के कोयम्बटूर की रहने वाली थी, जहां ‘ओज़ोन योगा सेंटर’ में वो योगा सिखाती थी। हाल ही में 26 अक्टूबर, 2019 को 99 साल की उम्र में नानम्मल का देहांत हो गया। नानम्मल ने न केवल अपने देश में बल्कि विदेशों में भी लोगों को योग सिखाया। मृत्यु से कुछ समय पहले वो मलेशिया, सिंगापुर और मसकट में टूर कर के आई थीं, जहां उन्होंने योग के बारे में रेडियो पर चर्चा की थी।

नानम्मल के बारे में

अपने लंबे जीवन में नानम्मल ने करीब दस लाख लोगों को योग सिखाया, जिसमें से दस हज़ार लोग अब खुद योग सिखाते हैं। उनके अपने परिवार में ही 63 योग टीचर हैं। नानम्मल के कई छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्डन मेडल भी जीते। योग उनके लिए साधना की तरह थी, जिसे उन्होंने आठ साल की उम्र में अपने पिता से सीखा था और एक भी दिन मिस नहीं किया। शायद यही कारण था कि उन्होंने 50 से भी ज़्यादा आसनों में महारत हासिल कर ली थी।

अपने आखिरी दिनों में भी उनकी याददाश्त एक दम पक्की और नज़र और सुनाई एकदम तेज़ थी, जिसका श्रेय वह ‘शीर्शासन’ को देती थीं। नानम्मल को योगा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जनवरी 2019 में ‘पदमश्री’ से सम्मानित किया गया। इससे पहले साल 2018 में उन्हें ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से भी नवाज़ा गया था।  उन्हें साल 2014 में कर्नाटक सरकार के ‘योगा रत्न पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया।

उम्र के शतक से बस कुछ दूर थी ‘सबसे बुजुर्गं योग महिला’
लोगों को दिया फिट रहने का मंत्र |इमेज : द इंडियन एक्सप्रेस

साधारण जीवन जीती थीं ‘नानम्मल’

नानम्मल के बेटे बालाकृष्णन उनके बेहद करीब थे और वह बताते है कि उनकी मां सुबह जल्दी उठ जाती थीं। उठने के तुरंत बाद वो जीरा-पानी पीती थीं। उन्हें को सत्तू मावू कांजी बहुत पसंद थी। वह खाने के साथ कीरई खाना कभी नहीं भूलती थीं। आमतौर पर वह रात के खाने में एक गिलास गरम दूध और केला खाती थीं। बालकष्णन को इस बात से बेहद गर्व होता था कि न जाने कितने एलोपेथी के डॉक्टर उनकी मां से प्राणायाम सीखने आते थे। वह बच्चों को योग सीखने के लिए प्रेरित करती थीं और उनका कहना थी कि जितनी जल्दी बच्चे योगा सीखेंगे, उतना ज़्यादा और देर तक उसके लाभ उठा सकेंगे।

नानम्मल की विरासत

नानम्मल की बेटी (60 साल) भी योगा सिखाती हैं और उनकी पोती भी उनकी शिष्य है। पांच साल की छोटी सी उम्र में वो 250 आसन कर लेती है और थाईलैंड में होने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी कर रही है। वह भी नानम्मल की तरह अपने दोस्तों को घरेलु नुस्खे बताती है।

अपने अच्छे स्वास्थ्य की तरफ ‘कदम बढ़ाओ सही’

  • जब जागो तभी सवेरा इसलिए अभी भी देर नहीं हुई है, आप अब भी योग सीख सकते हैं।
  • जितनी जल्दी होगी शुरुआत, उतने ज़्यादा होंगे लाभ।
  • योग आपके शरीर और मन के लिए एक पूर्ण व्यायाम है।

इमेज : द इंडियन एक्सप्रेस

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