आप अक्सर सुनते होंगे कि बच्चा चाहे कितना भी छोटा हो, उसके लिए कहानियों की किताब ज़रूर पढ़नी चाहिये। हो सकता है, आप यह सोचे कि इतने छोटे बच्चे को क्या समझ आयेगा, लेकिन जब आप ज़ोर-ज़ोर से कहानी पढ़ते हैं, तो बच्चे के दिमाग में नये शब्द जुड़ते जाते हैं, जिसकी मदद से वह जल्दी और साफ बोलना सीखता है।
एक प्रिंसीपल की बेहतरीन पहल
इसी बात को समझते हुये अमेरिका में ब्यूमोंट के होमर ड्राइव एलिमेंट्री स्कूल की प्रिंसिपल ‘बेलिंडा जॉर्ज’ ने एक खास कदम उठाया है। बच्चों में पढ़ने की आदत डालने के लिए वह हर मंगलवार स्कूल के फेसबुक पेज के माध्यम से बच्चों को कहानी पढ़ कर सुनाती हैं। इस एक्टिविटी को वह ‘टक्ड-इन-ट्यूज़डे’ कहती हैं। आप भी देखिये-
बेलिंडा कहती हैं कि बच्चे इस एक्टिविटी से काफी खुश हैं, वह हर बुधवार मेरे पास आकर कहानी का फेवरेट हिस्सा बताकर जाते हैं। बच्चे पूरी कहानी पढ़ने के लिए स्कूल की लाइब्रेरी में जाकर उस किताब के लिए पूछते हैं। प्रिंसीपल की इस पहल से न सिर्फ स्कूल के छात्र बल्कि आसपास के दूसरे स्कूल के बच्चे भी टक्ड-इन-ट्यूज़डे का हिस्सा बनने लगे हैं। यह स्टोरी टाइम अब फैमिली टाइम बनने लगा है, और पेरेंट्स भी इस स्टोरी टाइम के लिए काफी एक्साइटेड रहते हैं।
बेशक, प्रिंसीपल बेलिंडा का यह कदम काफी अच्छा है, पर क्या कभी आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि बच्चों को भी पुराने तरीके काफी पसंद आते है, बस ज़रूरत है कि उनके साथ टाइम बिताया जाये।
बच्चों को पाले ट्रेडिश्नल तरीके से
हालांकि हर किसी को वक्त के साथ बदलना चाहिये, लेकिन बच्चों को पालने, उनको एंगेज करने और उनके अंदर अच्छे संस्कार डालने के लिए आज भी ट्रेडिश्नल तरीके सबसे अच्छे हैं।
– बच्चों की घर के कामों में मदद लें। जैसे कपड़े सुखाने या उनकी तय बनाने में।
– बच्चों को पार्क में खेलने ले जाये और उन्हें अपने दोस्त खुद बनाने दें।
– उन्हें और उनके दोस्तों को रोल एनैक्ट करने का गेम खिलायें।
– सोते समय कहानी ज़रूर पढ़ कर सुनायें।
– दादा-दादी और घर के बड़ों की मदद और उनके छोटे-छोटे काम करने के लिए प्रेरित करें।
– बच्चों से आदर के साथ बात करें, जिससे वह भी दूसरों से इसी तरह बात करें।
इस तरह की छोटी-छोटी बातें आपके बच्चों को अच्छे संस्कार देने के लिये काफी महत्वपूर्ण है।
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