नेत्रहीन लोगों के लिये बने रोशनी – लुई ब्रेल

नेत्रहीन लोगों के लिये बने रोशनी – लुई ब्रेल

विश्व ब्रेल दिवस क्यों मनाते हैं और क्या है इसका इतिहास?
FacebookTwitterLinkedInCopy Link

आईएएस अधिकारी, बिजनेसमैन, समाज सेवक और लगभग सभी क्षेत्रों में दृष्टिहीन लोगों ने अपनी पैठ बना ली है। इसका सबसे बड़ा कारण उनकी हिम्मत, मेहनत और खुद पर विश्वास है। मुश्किलों में भी हौसले बुलंद रखने की वजह से उन्होनें वह मुकाम हासिल किया है, जो कई लोगों का सपना होता है। इसकी एक बड़ी वजह ब्रेल लिपि भी है, जिसकी खोज लुई ब्रेल ने की थी। इससे नेत्रहीन लोगों को पढ़ने और समझने में  काफी आसानी होने लगी। विश्व ब्रेल दिवस का मुख्य उद्देश्य दृष्टि-बाधित लोगों के अधिकार उन्हें प्रदान करना और ब्रेल लिपि को बढ़ावा देना है।

ब्रेल क्या है?

ब्रेल नेत्रहीन लोगों के लिए बनाई गई लिपि है, जिसमें उभरे हुए बिंदुओं को छूकर वह छूकर अक्षरों की पहचान करते हैं। इसे एक विशेष प्रकार के उभरे कागज़ पर लिखा जाता है, जिसे ‘सेल’ के नाम से जाना जाता है।

कौन है ब्रेल लुई?

लुई ब्रेल का जन्म 04 जनवरी 1809 को फ्रांस में हुआ था। बचपन में एक दुर्घटना के वजह से लुई ब्रेल ने अपनी दोनों आंखों की रोशनी खो दी थी। आंखों की रोशनी चली जाने के बाद भी लुई ने हिम्मत नहीं हारी। वह ऐसी चीज़ बनाना चाहते थें, जो उनके जैसे दृष्टिहीन लोगों की मदद कर सके। इसीलिए उन्होंने अपने नाम से लिखने का स्टाइल बनाया, जिसमें सिक्स डॉट कोड्स थे। वही स्क्रिप्ट आगे चलकर ‘ब्रेल के नाम से जानी गई।

ब्रेल लिपि के जनक लुई ब्रेल | इमेज : फाइल इमेज

कैसे आया ब्रेल लिपि का विचार

ब्रेल लिपि का विचार लुई के दिमाग में फ्रांस की सेना के कैप्टन चार्ल्स बर्बियर से मुलाकात के बाद आया। चार्ल्स ने सैनिकों द्वारा अंधेरे में पढ़ी जाने वाली नाइट राइटिंग व सोनोग्राफी के बारे में लुई को बताया था। यह लिपि कागज़ पर उभरी हुई होती थी और 12 बिंदुओं पर आधारित थी। लुई ने ब्रेल लिपि में 12 की बजाए 6 बिंदुओ का प्रयोग किया और 64 अक्षर और चिन्ह बनाए। लुई ने लिपि को कारगार बनाने के लिए विराम चिन्ह और संगीत के नोटेशन लिखने के लिए भी ज़रुरी चिन्हों का लिपि में समावेश किया।

ब्रेल लिपि से फायदे

ब्रेल लिपि के आविष्कार के बाद विश्वभर में नेत्रहीन या आंशिक रूप से नेत्रहीन लोगों की ज़िंदगी बहुत हद तक आसान हो गई। इसकी सहायता से ऐसे कई लोग अपने पैरों पर खड़े हो सके।

कंप्यूटर और मोबाइल में भी ब्रेल सिस्टम

यह तकनीक अब कंप्यूटर और मोबाइल तक पहुंच गई है। ऐसे कंप्यूटर्स और मोबाइल बने हैं, जिसमें गोल व उभरे बिंदुओं की मदद से दृष्टिहीन लोग अब तकनीकी रुप से भी मज़बूत हो रहे हैं। अब इसका उपयोग ट्रेन और लोकल स्थान में भी हो रहा है। जिससे वह बिना किसी की मदद लिए खुद काम कर सके।

और भी पढ़िये : जीवन में सफलता दिलाएं – 10 पॉज़िटिव विचार

अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और  टेलीग्राम  पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight.Me

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.