लोकल उगने वाली फल-सब्ज़ियों के फायदे

लोकल उगने वाली फल-सब्ज़ियों के फायदे

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जहां एक तरफ लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हो रहे हैं और अपना ध्यान पौष्टिक फल-सब्ज़ियां खाने पर दे रहे हैं, तो वही दूसरी तरफ खेती का बिज़नेस कर रहे कुछ लोगों में ज़्यादा मुनाफे का लालच भी बढ़ता जा रहा है। यह लालच इतना बढ़ रहा है कि फल-सब्ज़ियों यहां तक की दूध देने वाले जानवरों को भी ऑक्सीटॉसिन का इंजेक्शन लगाये जा रहे है। यह इंजेक्शन उत्पादन बढ़ाता है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफा कमाया जा सके।

इस इंजेक्शन से फल-सब्ज़ियां रातों रात बढ़ जाती है, जानवर ज़्यादा दूध देते हैं। हालांकि यह हार्मोन इंसान के अंदर नैचुरल तरीके से मौजूद होता है, लेकिन इस तरह सब्ज़ियों-फल और अन्य तरीकों से लेने पर सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है। इंसान नेचुरल उगी सब्ज़ियों और ऑक्सिटॉसिन से बड़ी फल-सब्ज़ियों के बीच फर्क नहीं कर पाते।

अगर आप लोकल उगी मौसमी फल सब्ज़ियां खायेंगे, तो चांस है कि आप इस तरह के उगाये गये पदार्थों से काफी हद तक बच जायें। वैसे भी जिन फल-सब्ज़ियों का सीज़न होता है, वो प्राकृतिक तौर पर अच्छी मात्रा में पैदा होती हैं। ऐसा करने से आपको नैचुरल फूड मिलेगा, किसानों की आर्थिक मदद होगी, पर्यावरण पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। आपको यह भी पता होता है कि आप जो खाना खा रहे हैं, वह कहां से आया है।

लोकल उगने वाली फल-सब्ज़ियों के फायदे
फल-सब्ज़ियों के फायदे  | इमेज : फाइल इमेज

स्थानीय तौर पर पैदा किये गये खाने के फायदे

पेस्टीसाइड फ्री

स्थानीय तौर पर सब्ज़ियां और फल उगाने वाले किसान नेचुरल पेस्टीसाइड का इस्तेमाल करते है, जबकि बड़े पैमाने पर की गई खेती में केमिकल युक्त कीटनाशकों का ही छिड़काव किया जाता है।

प्रिज़र्वेटिव फ्री

लोकल पैदा किये गये खाद्य पदार्थों को कहीं दूर नहीं भेजना होता, ऐसे में बहुत देर तक फ्रेश रखने की ज़रूरत नहीं होती। यही वजह है कि लोकल फल सब्ज़ियों में प्रिज़रवेटिव्स और दूसरे केमिकल्स नहीं डाले जाते हैं।

ज़्यादा पौष्टिक

लोकल-सीज़नल फूड केमिकल-फ्री होते है, इसलिये वह ज़्यादा फ्रेश और पौष्टिक होने के साथ-साथ टेस्टी भी होते है। इसके अलावा इनमें सभी तरह के पोषक तत्व नैचुरली होते है, तो आपको संतुलित आहार मिलता है। इसके साथ ही लोकल फूड में संक्रमण के चांस भी कम होते है।

यह पढ़कर अगर आप सोच रहे है कि लोकल ग्रोन फूड को कहां से लें। तो आप इसे किसान मंडी, कम्युनिटी सपोर्टिड एग्रीकल्चर प्रोग्राम्स, लोकल ग्रोसर्स से ले सकते है या फिर आप खुद अपने घर में उगाइये।

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