अमेरिकी लेखक नेपोलियन हिल की साल 1937 में ‘’थिंक एंड ग्रो’’ किताब पब्लिश हुई थी, जो पर्सनल इंप्रूमेंट और सेल्फ डेवलेप्मेंट पर बेस्ड थी। इस पुस्तक के पब्लिश होने के करीब एक शताब्दी बाद लेखक जेम्स व्हिटकर की पुस्तक ‘’थिंक एंड ग्रो रिच: द लिगेसी’’ पब्लिश हुई, जो पुरी तरह नेपोलियन हिल की जिंदगी और उनके सिद्धांतों पर बेस्ड थी। जेम्स व्हिटकर अपनी पुस्तक में बताते हैं कि किस तरह नेपोलियन हिल के सिद्धांतों को लोगों ने अपने जीवन में अपनाया और सफलता हासिल की। तो आइये जानते है, ये सिद्धांत-
निर्णय लेने का ज़ज्बा जरूरी
नेपोलियन हिल ने सफल लोगों की विशेषताओं की जो खोज की, उनमें से सबसे महत्वपूर्ण दृढ़ संकल्प था। उन्होंने जीवन में ज्यादातर निर्णय जल्दबाज़ी में चाहे लिए, लेकिन वह उन फैसलों पर डटे रहे। इस बात को चित्रित करने के लिए जेम्स व्हिटकर ने ओपरा विनफ़्रे की कहानी भी पुस्तक में बताई। उन्हें टीवी न्यूज एंकर की जॉब से निकाल दिया गया था लेकिन इसके बावजूद ओपरा ने इसी फील्ड में रहने का फैसला किया और आज हम उन्हें दुनिया की सबसे मशहूर लेडी के रूप में जानते हैं। अगर ओपरा घबराकर अपने प्रोफेशन को चेंज कर लेती, या किसी दूसरे प्रोफेशन को अपना लेती, तो शायद उनकी वो पहचान नहीं बन पाती, जो आज वो हैं। यह उनके फैसले का ही नतीजा है कि आज वो इस मुकाम पर हैं, जिन्हें दुनिया सलाम करती है और उनकी कामयाबी का उदाहरण देती है।
दृढ़ निश्चयी बनें
अगर इंसान दृढ़ निश्चय कर ले कि वह हमेशा कोशिश जारी रखेगा, तो कामयाबी कदम जरूर चूमेगी। जीवन के किसी भी क्षेत्र में कामयाबी का मूल मंत्र ही दृढ़ निश्चय, इच्छाशक्ति, अटूट विश्वास और लगातार प्रयास है। वही व्यक्ति सफल होता है, जिसने अपनी इच्छाशक्ति पर काबू पा लिया। इसमें कोई शक नहीं कि इतिहास लिखने वाले व्यक्तियों ने इसी गुण की बदौलत
कामयाबी हासिल की है। चाहे उनमें कितनी भी कमी हो लेकिन अगर उसमें अटूट निश्चय और दृढ़ इच्छाशक्ति है, तो किसी भी तरह की बाधाओं को पार पा जाएगा। यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है कि जिस भी वस्तु की इच्छा हम मन में करते हैं, उसकी ओर हमारी संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक शक्तियां उसे हासिल कराने में लग जाती हैं।
आत्म सुझाव भी है जरूरी
अगर आपको कामयाबी हासिल करनी है तो आपको नेपोलियन हिल के तीसरे सिद्धांत ‘’आत्म सुझाव’’ को भी ज़िंदगी में अपनाना होगा। लेकिन अक्सर लोग ‘’आत्म सुझाव’’ को अनदेखा कर देते हैं। ‘’आत्म सुझाव’’ को दो हिस्सों में बांट सकते हैं पॉज़िटिव और नेगेटिव। मिसाल के तौर पर आप अपने आसपास की दुनिया को किस नज़रिए से देखते हैं और दूसरा आप खुद को किस तरह देखते हैं? सबसे जरूरी है कि आप पॉज़िटिव ढंग से खुद को और दुनिया को सोचे और समझे क्योंकि जब हम निगेटिव सोचते हैं, तो तनाव होता है। इसलिए हमेशा पॉज़िटिव सोच रखें और खुद को कहे कि ‘’मेरा मन शांत रहता है” या फिर “मैं ख़ुश हूं” और यह ‘’आत्म सुझाव’’ का सबसे बेहतरीन तरीका है।
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