कुदरत का करिश्ता है दो साल का गुरु

कुदरत का करिश्ता है दो साल का गुरु

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हर बच्चा अपने आप में अनोखा होता है, किसी को छोटी उम्र से ही पेटिंग का शौक होता है, तो किसी को खेल का। किसी को डांस में मज़ा आता है, तो कोई बेहद सुरीला गाता है। आगरा का दो साल का गुरु भी बहुत खास है, उसे इतनी छोटी उम्र से ही पढ़ने का शौक है और इस नन्हे बच्चे का तेज़ दिमाग देखकर हर कोई हैरान हो रहा है।

अनोखा बच्चा

आगरा के दो साल के गुरु उपाध्याय को कुदरत का करिश्मा कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। जिस उम्र में बच्चे बस बोलना सीख रहे होते हैं, उसी उम्र में गुरु को 65 देशों के नाम और उसकी राजधानी याद है। इतना ही नहीं, वह झंडा देखकर देश का नाम बता देता है। उसके तेज़ दिमाग की वजह से ही लोग उसे गूगल गुरु कहने लगे हैं।

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज

गुरु उपाध्याय को 65 देशों के नाम के साथ ही कई नदियों के नाम भी याद है। गुरू बस यही नहीं रूकता, वह यूपीएससी के कई सवालों के भी सही जवाब दे देता है। इसी अनोखी प्रतिभा के कारण उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। गुरु को भारत के भी सभी राज्यों के नाम याद है और पड़ोसी देशों के नाम भी उसे पता है। यानी दो साल की उम्र में ही उसका सामान्य ज्ञान गज़ब का है।

कुदरत का करिश्ता है दो साल का गुरु
करिश्माई  है यह बच्चा  | इमेज: ज़ी न्यूज़

गजब का है टेलेंट

गुरु का रिकॉर्ड ग्लोबल रिकॉर्ड्स एंड रिसर्च फाउंडेशन (जीआरआरएफ) की चिल्ड्रेन रिकॉर्ड्स कैटिगरी में भी अप्रूव हो गया है। गुरु ने एक मिनट के अंदर 17 देशों के झंडे पहचान लिए थे और उनमें से ज़्यादातर देशों की राजधानियों का नाम भी सही बताया था।

माता-पिता से सीखा

यह बात सोलह आने सच है कि बच्चे अपने माता-पिता से ही सीखते हैं। गुरु का तेज़ दिमाग भी उसके माता-पिता की ही देन है। दरअसल, उसकी मां प्रिया उपाध्याय और पिता अरविंद उपाध्याय दोनों ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। अरविंद के मुताबिक, ‘गुरु ने 19 महीने की उम्र से ही चीज़ें याद करनी शुरू कर दी थीं। एक बार मैं और मेरी पत्नी परीक्षा की तैयारी के चलते किसी विषय को लेकर चर्चा कर रहे थे कि इतने में गुरु ने जवाब दे दिया। हम दोनों ही चौंक गए। फिर हमने उससे कुछ राज्यों की राजधानियां पूछी और उसका जवाब एकदम सही था।’

गुरु की मां प्रिया का कहना है कि गुरु को खेल-खेल में ही सारी चीज़ें याद हो गई। वह अपने माता-पिता को जो भी पढ़ते सुनता है, उसे याद हो जाता है। यानी उसकी याददाशत और चीज़ों को समझने की क्षमता उम्र से कहीं ज़्यादा है।

इमेज: ज़ी न्यूज़

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