खुश रहने के लिये छोड़ दें दूसरों से तुलना करना

खुश रहने के लिये छोड़ दें दूसरों से तुलना करना

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सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों या किसी कपल के फॉरेन टूर की फोटो देखते ही हमारे मन में एक ईर्ष्या का भाव आ जाता है और हम उससे तुलना करने लगते हैं। ‘कितना लकी है, वह मस्त फॉरेन टूर कर रहा है। कितने खुश लग रहे हैं दोनों। काश! मेरी लाइफ भी ऐसी होती।’ अधिकांश लोग इसी तरह दूसरों के जीवन से अपनी तुलना करके दुखी होते रहते हैं। जबकि खुश रहने के लिये दूसरों से तुलना नहीं, जो अपने पास है उसी में खुश रहना चाहिये क्योंकि हर किसी के जीवन में कोई न कोई कमी ज़रूर रहती है। इस बात को इस कहानी के ज़रिये बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।

कहानी

जंगल में एक कौआ रहता था, वह अपनी ज़िंदगी से खुश और संतुष्ट था, लेकिन एक दिन उसने हंस को देख लिया। उसका खूबसूरत सफेद रंग देखकर कौआ सोचने लगा, यकीनन हंस दुनिया का सबसे खुश पक्षी होगा, कितना अच्छा रंग है। उसने हंस के सामने अपने विचार रखे, तो हंस ने कहा, ‘मैं सोचता था कि मैं सबसे खुश हूं, लेकिन तोते को देखने के बाद मेरे विचार बदल गये। दो रंगों वाला तोता बहुत सुंदर दिखता है और मुझे लगता है वह सबसे खुश पक्षी है।’ फिर कौआ तोते के पास गया।

खुश रहने के लिये छोड़ दें दूसरों से तुलना करना
तुलना न करें | इमेज : फाइल इमेज

तोता बोला, ‘मुझे भी यही लगता था कि मैं सबसे खुश पक्षी हो, लेकिन मोर को देखने के बाद ऐसा नहीं लगता। मेरे पास तो सिर्फ दो रंग है, मोर के पास तो कितने सारे रंग होते हैं।’ फिर कौआ मोर से मिलने चिड़ियाघर पहुंचा जहां बहुत सारे लोग उसे देखने के लिये इकट्ठा हुये थे। जब भीड़ हटी, तो कौआ मोर के पास गया और बोला, ‘तुम कितने सुंदर हो, रोज़ हज़ारों लोग तुम्हें देखने के लिये आते हैं, मगर मैं तो जहां भी जाता हूं भगा दिया जाता हूं। मुझे लगता है तुम धरती पर सबसे खुश पक्षी हो।’

मोर ने जवाब दिया, ‘मुझे लगता था कि मैं सबसे सुंदर पक्षी हूं, लेकिन इसी सुंदरता के कारण मैं चिड़ियाघर में बंद हूं। मैंने पूरा चिड़ियाघर देखा है और यहां पिंजरे में यदि कोई पक्षी बंद नहीं है, तो वह है कौआ। इसलिये पिछले कुछ दिनों से मैं सोच रहा हूं कि यदि मैं कौआ होता, तो आज़ादी से सब जगह घूम सकता था।’

दरअसल, हमारी हालत भी कुछ ऐसी ही है। हमारे पास जो चीज़ है उसकी कद्र करने और उसमें ही खुश रहने की बजाय दूसरों से तुलना करके खुद को दुखी कर लेते हैं।

खुशी के लिए ज़रूरी है ‘सही सोच’

– ईश्वर ने जो दिया है, उसके लिये शुक्रिया कहें और उसमें ही खुश रहें।

– किसी को भी ज़िंदगी में सब कुछ नहीं मिलता, इसलिये जो है उसी में खुश रहें।

– दूसरों से तुलना करने की बजाय अपने आपको बेहतर बनाने पर ध्यान दें।

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