गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है मेडिटेशन

गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है मेडिटेशन

गर्भावस्था में घबराहट और तनाव को रखता है दूर मेडिटेशन
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गर्भावस्था में क्या आपका भी मूड स्विंग होता है, हमेशा थकान महसूस होती है, चिड़चिड़ी रहती है, अक्सर तनावग्रस्त हो जाती हैं? यदि ऐसा है तो आपको आज से ही मेडिटेशन शुरू कर देना चाहिए। यह न सिर्फ आपको मानसिक रूप से स्वस्थ रखेगा, बल्कि आपको अपने अजन्में बच्चे के और करीब लाने में भी मदद करेगा।

कैसे करें मेडिटेशन?

घर के किसी शांत कोने में कुछ देर के लिए आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं और आंखे बंद करके ध्यान लगाएं। बाकी सारी चिंताओं को छोड़कर बस अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करिए और अपने अंदर बच्चे को महसूस करिए। वैसे सिर्फ बैठकर ही ध्यान लगाना ज़रूरी नहीं है, आप गार्डन में शांति से टहलते हुए भी अनचाहे विचारों को मन से निकालकर ध्यान लगा सकती हैं। यकीन मानिए इससे आपको बहुत सुकून मिलेगा और मन शांत हो जाएगा।

डॉक्टर और वैज्ञानिक भी यह मानते हैं कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान मेडिटेशन करती हैं उनकी डिलीवरी सही तरीके से हो जाती है और समय से पहले बच्चे का जन्म जैसी समस्या उन्हें नहीं होती है। गर्भावस्था की पहली और दूसरी तिमाही में तो आम आराम से बैठक ध्यान लगा सकती हैं, लेकिन तीसरी तिमाही में यदि आपको किसी तरह की समस्या है तो अपनी डॉक्टर से सलाह के बाद ही योग या मेडिटेशन करें।

मेडिटेशन के फायदे

गर्भवती महिलाओं के लिए मेडिटेशन बहुत फायदेमंद होता हैः

मेडिटेशन से तनाव होता कम
मेडिटेशन से तनाव होता कम | इमेज : फाइल इमेज
तनाव और घबराहट कम होती है

एक स्टडी के मुताबिक, जो महिलाओं प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों से योग और मेडिटेशन करती हैं डिलीवरी के समय उनका स्ट्रेस और एंग्जाइटी अन्य महिलाओं की तुलना में कम करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मेडिटेशन के जरिए वह अपने आपको शांत रखना सीख जाती हैं।

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इम्यूनिटी बढ़ती है

नियमित रूप से मेडिटेशन करने से इम्यून सिस्टम ठीक रहता है और रोगों के प्रति आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यानी आप हेल्दी रहती हैं, जिससे जन्म के बाद बच्चे को ऑटो इम्यून डिसऑर्डर का खतरा कम हो जाता है।

दर्द कम होता है

एक अध्ययन के मुताबिक, रोजाना मेडिटेशन प्रैक्टिस करने वाली महिलाओं में लेबर पेन की तीव्रता 40 फीसदी तक कम देखी गई। इससे न सिर्फ डिलीवरी आसान हो जाती है, बल्कि महिलाओं के लिए पोस्टपार्टम डिप्रेशन से भी उबरना भी आसान हो जाता है।

सकारात्मक रहती हैं

शरीर में हो रहे बदलाव, लेबर पेन, बच्चे को संभालने जैसे ढेर सारे विचार मन में आते हैं जिससे महिलाएं परेशान हो जाती हैं, ऐसे में मेडिटेशन से बहुत मदद मिलती हैं। मेडिटेशन से मन शांत होता है और अनचाहे विचारों से मुक्ति मिलती है।

खुद के लिए समय घर, ऑफिस के काम के बीच अधिकांश वर्किंग महिलाएं प्रेग्नेंसी के अंतिम दिनों तक बिजी रहती हैं। ऐसे में मेडिटेशन के दौरान वह खुद के लिए समय निकाल पाती हैं और अपना ख्याल रखती हैं।

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