गहराई से पढ़ोगे, बेहतर लिखोगे

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यह तो सभी जानते हैं कि पढ़ने से मानसिक विकास होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि आप जो पढ़ते हैं, उसका असर आपके लिखने के तरीके पर भी पड़ता है? इंटरनेश्नल जर्नल ऑफ बिज़नेस ऐडमिनिस्ट्रेशन ने मई, 2016 में एक स्टडी पब्लिश की थी। इस स्टडी में पता चला कि छात्र जो कुछ भी कॉलेज में पढ़ते हैं, उसका सीधा असर उनके लिखने के तरीके पर प्रभाव डालता है। किसी भी तरह का फिक्शन चाहे वो मिस्ट्री, फैंटेसी, साइंस, या फिर वेब वेस्ड साइट्स का कोई कंटेंट पढ़ने वाले लोगों के मुकाबले अकैडमिक जर्नल्स, लिटरेरी फिक्शन या जनरल नॉन-फिक्शन पढ़ने वाले छात्र जटिल से जटिल वाक्यों के बेहद खूबसूरती से लिख पाते हैं।

पढ़ना जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है यह जानना कि कैसे पढ़ें। किसी भी चीज़ को पढ़ने के दो तरीके होते हैं: डीप रीडिंग और लाइट रीडिंग।

जानिए डीप और लाइट रीडिंग के बीच का अंतर

एक शोध में पता चला है कि डीप रीडिंग वह है, जिसे धीमी गति से पढ़ा जाए। इसके दौरान आप पढ़ने में इस कदर डूब जाते हो कि महसूस होता कि वो लम्हा आप खुद जी रहे हो। यह संवेदना के साथ-साथ भावनात्मक और नैतिक जटिलता पैदा करता है। यह लाइट रीडिंग से काफी अलग है।

गहराई से पढ़ोगे, बेहतर लिखोगे
दिमागी कसरत के लिए डीप रीडिंग | इमेज: फाइल इमेज

क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप किसी आलेख को इतनी गहराई से पढ़ रहे हो और उसी में खो गये हो। जैसे कि खूबसूरत वादियों के बीच से गुज़रती बस में लेखक बैठा हो। बस की खिड़की थोड़ी सी खुली हो, जिसमें से आती ठंडी हवा उसके चेहरे को छू कर जा रही हो और दूर कहीं बहते हुए झरने की आवाज़ उसके कानों मे शहद की तरह घुल रही हो….। क्या आप उस लेखक की जगह खुद को इमैजिन कर सकते है?

डीप रीडिंग तब हो पाती है, जब भाषा का विस्तार समृद्ध हो और लेखक ने एक से ज़्यादा शब्दों को खास महत्व दिया हो। डीप रीडिंग दिमाग के लिये बहुत अच्छी कसरत है।

लाइट रीडिंग उस कंटेंट को कहते है, जिसे आप ऑनलाइन ब्लॉग्स, न्यूज़ हेडलाइन या एंटरटेनमेंट न्यूज़ के तौर पर पढ़ते हैं। यह अधिकतर तीखी सुर्खियों के रूप मे पाया जाता है। इस तरह के लेख में दृष्टिकोण या विश्लेषण का अभाव होता है। इसे आप पढ़ते हैं और जल्दी भूल भी जाते हैं।

डीप रीडिंग हमारे दिमाग के केंद्रों को स्पीच, विज़न और हीयरिंग के लिए सक्रिय करती है, जो हमें बोलने, पढ़ने और लिखने में मदद करती है। कविताएं और लिटरेरी फिक्शन पढ़कर आप अपने दिमाग को डीप रीडिंग एक्सरसाइज़ करवा सकते हैं, जिससे आप अपने विचार बेहतर तरीके से लिख पायेंगे।

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