प्रतिष्ठित ग्रैमी पुरस्कार 2019 के लिए भारतीय मूल के 3 संगीतकारों का नाम शामिल किया गया है, जाहिर है देश के लिए यह बहुत गर्व की बात है। 61वें ग्रैमी अवार्ड का आयोजन आज होने जा रहा है।
भारतीय मूल की फाल्गुनी शाह, प्रशांत मिस्त्री और सनातम कौर खालसा को 61वें ग्रैमी अवॉर्ड के लिए संगीत की अलग-अलग श्रेणियों में नामांकित किया गया है। इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट होने पर जाहिर है सभी कलाकार बेहद खुश हैं।
बच्चों के लिए गाना
ग्रैमी अवॉर्ड में नॉमिनेट होने वाली फाल्गुनी का एलबम ‘फालु बाज़ार’ चिल्ड्रेन एलबम कैटेगरी में नामांकित हुआ है। उनके एलबम में 14 ट्रैक है। दरअसल, फाल्गुनी का कहना है कि ये सब उनके चार साल के बेटे के सवालों का संगीतमय जवाब है। ग्रैमी में नामांकित होने पर उनका कहना है कि भारत से अपने सपनों को पूरा करने आयें, उन सभी लाखों प्रवासियों का प्रतिनिधित्व करके मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं। फाल्गुनी साल 2010 में न्यूयॉर्क आई थीं और यहीं बस गईँ। फाल्गुनी के एलबम की खास बात यह है कि उसमें उनके पति और मां ने भी अपनी आवाज़ दी है।
विडियोः फाल्गुनी शाह, यूट्यूब
अमेरिका में रहने वाली सनातम कौर नए दौर का भक्ति संगीत, कीर्तन गाती हैं और पूरी दुनिया में शांति दूत के रूप में यात्रा भी करती हैं। उनका एल्बम ‘बीलव्ड’ न्यू एज एलबम कैटेगेरी में नॉमिनेट हुआ है। एक इंटरव्यू के दौरान सनातम ने कहा कि अपने एलबम ‘बीलव्ड’ को बनाने में थोड़ा टाइम लगा क्योंकि वह शांति चाहती थी, ताकि हर इंसान इससे जुड़ा हुआ महसूस करें। इस एलबम में एक साथ बहुत से लोग भजन कर रहे हैं। सनातम ने भक्ति संगीत अपनी मां से सीखा, जिन्होंने भारत में इसका प्रशिक्षण लिया था।
भारतीय संगीत की झलक
प्रशांत मिस्त्री लंदन बेस्ड सिंगर हैं और उनका एलबम इमर्सिव ऑडियो एलबम कैटेगरी में नामांकित हुआ है। प्रशांत उन चुनिंदा संगीतकारों में से हैं, जिन्होंने विदेश में इलेक्ट्रॉनिक म्यूज़िक में शानदार करियर बनाया है। प्रशांत के संगीत में भारतीय संगीत की झलक साफ दिखती हैं। उनका कहना है कि वह भारतीय वाद्ययंत्रों के बीच बड़े हुए हैं और यह उनके संगीत का अभिन्न हिस्सा है।
तीनों कलाकारों को भविष्य की शुभकामनायें!
इमेज: न्यूज़ १८ / ग्रैमी.कॉम
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