ग्लोबल वार्मिंग, मौसम का बदलता मिजाज़ और एसिड वाली बारिश जैसी पर्यावरण से जुड़ी समस्यायें दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। इसका कारण भी हम सभी जानते है और वह लगातार पेड़ों की घटती संख्या व बढ़ता प्रदूषण है। इस समस्या का बस अधिक से अधिक पेड़ लगाना है। बचपन से ही हम इसके बारे में पढ़ते-सुनते तो आ रहे हैं, लेकिन क्या हर कोई इस पर अमल कर रहा है?
आपको जानकर हैरानी होगी कि ज़मीनी स्तर पर इस समस्या का हल केरल के कोडुन्गल्लुर शहर ने किया है।
पेड़ लगाना अनिवार्य
केरल के कोडुन्गल्लुर शहर का म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन देश का पहला ऐसा म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन है, जिसने घर बनवाने से पहले पेड़ लगाना अनिवार्य कर दिया है। जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उनके घर का रजिस्ट्रेशन ही नहीं किया जायेगा। इस नियम के मुताबिक शहर में जो लोग अपना घर बना रहे हैं, उन्हें अपने कंपाउंड में कम से कम दो पेड़ आम या कटहल के लगाने होंगे। इसके बाद ही उनके घर का रजिस्ट्रेशन होगा। इतना ही नहीं, लोग इस नियम का पालन कर रहे हैं या नहीं, यह जांचने के लिये अधिकारियों की टीम है। यह टीम घर जाकर देखती है कि पेड़ों की देखभाल हो रही है या नहीं।
सबके लिये सबक
शहर को हरा-भरा बनाने और पर्यावरण को बचाने के लिये कोडुन्गल्लुर म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन की पहल वाकई सराहनीय हैं और इससे दूसरे शहरों को भी सबक लेना चाहिये। खासतौर पर मेट्रो शहरों को, जो कांकरीट के जंगल में बदल रहे हैं। आमतौर पर शहरों में हरियाली की कमी बहुत देखने को मिलती है, ऐसे में सबको कोडुन्गल्लुर म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन से सीख लेने की ज़रूरत है।
सबका प्रयास ज़रूरी
यदि कोडुन्गल्लुर म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन की तरह हर जगह बिल्डिंग बनाने वाले अपने कंपाउंड में इसी तरह कुछ पेड़ लगाना अनिवार्य कर दें, तो काफी हद तक पर्यावरण के असंतुलन को ठीक किया जा सकता है। पेड़ों की हरियाली लोगों की आंखों को भी सुकून देगी।
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