जिन्होंने अंतरिक्ष में महिलाओं को दिलाई पहचान

जिन्होंने अंतरिक्ष में महिलाओं को दिलाई पहचान

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जब से मानव ने अंतरिक्ष को जानने-समझने का प्रयास तेज किया है, महिलाएं भी इसमें बढ़-चढ़कर शामिल हुई हैं। यही वजह रही कि 12 अप्रैल, 1961 को रूसी अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरीन अंतरिक्ष जाने वाले प्रथम व्यक्ति बने, तो इसके ठीक दो वर्ष बाद 16 जून, 1963 को रूस की ही वेलेंटिना तेरेशकोवा भी ऐसा करने में कामयाब हुई।

महिलाओं को मिली नई पहचान

नासा की मानें, तो अब तक 600 से ज्यादा यात्री अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके हैं, जिसमें अब तक विभिन्न देशों की करीब सौ महिलाएं भी बतौर अंतरिक्ष यात्री या फिर पेलोड विशेषज्ञ के तौर पर इसमें शामिल हुई हैं। लेकिन, दुनियाभर में महिलाओं के स्वतंत्र अस्तित्व को नई पहचान दिलाने वाली दुनिया की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री के तौर पर वेलेंटिना तेरेशकोवा को ही याद किया जाएगा।

स्काईडाइविंग की रुचि ने बनाया अंतरिक्ष यात्री

वेलेंटिना तेरेशकोवा ने जब अंतरिक्ष की उड़ान भरी थी, तो अंतरिक्ष की खोज अपने शुरूआती दौर में था। लिहाजा, उसके करीब बीस वर्ष बाद तक इस क्षेत्र में महिलाओं की मौजूदगी लगभग न के बराबर ही थी। साल 1980 के दशक के बाद महिलाएं इस दिशा में सक्रिय हुईं। वेलेंटिना का जन्म 1937 में रूस के मास्लेन्निकोवो में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने 18 साल की उम्र में एक गारमेंट फैक्टरी में काम करना शुरू किया। चूंकि, उनकी रुचि पैराशूटिंग में थी, सो वह स्थानीय एरोक्लब में स्काईडाइविंग की ट्रेनिंग लेने लगीं। उन्होंने अपनी पहली पैराशूट जंप 22 साल की उम्र में लगाई। स्काईडाइविंग में एक्सर्ट होना ही उनकी अंतरिक्ष यात्रा का कारण बनी। उसके बाद उन्होंने जहूकोंव्सकी वायु सेना अकादमी में पढ़ाई कर अंतरिक्ष यात्री इंजीनियर के रूप में ग्रेजुएट हुईं।

अंतरिक्ष जाने वाली पहली महिला | इमेज: साइंस म्यूजियम

पृथ्वी की यात्रा 

वेलेंटिना तेरेशकोवा रूस की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री हैं, जो अंतरिक्ष यात्रा के लिए 400 से अधिक आवेदकों और पांच निर्णायकों में से चुनी गई थीं। हालांकि, अंतरिक्ष यात्री कोर में शामिल होने के लिए इन्हें पहले सोवियत वायु सेना में शामिल किया गया था और उसके बाद वह अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए प्रथम महिला चुनी गई। वेलेंटिना की पहली अंतरिक्ष उड़ान वोस्तोक-6 में 6 जून, 1963 को शुरू हुई थी और पहली यात्रा में ही इन्होंने तीन दिनों में पृथ्वी के 48 ग्रहपथ पूरे कर लिए थे।

कई पुरस्कारों से भी हुईं सम्मानित

इस ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा के बाद वेलेंटिना को ऑर्डर ऑफ लेनिन और सोवियत संघ पुरस्कार जैसे कई पुरस्कारों एवं सम्मानों से सम्मानित किया गया था। नवंबर 1963 में, उन्होंने सहकर्मी अंतरिक्ष यात्री एंडरीयन निकालोयेव से शादी की, जिनसे इन्हें एक बेटी हुई, जो आज एक डॉक्टर है। वेलेंटिना ने अंतरिक्ष यात्रा के साथ ही यूएसएसआर की राष्ट्रीय संसद के सुप्रीम सोवियत के सदस्य भी बनीं और कई अंतर्राष्ट्रीय महिला संगठनों और कार्यक्रमों के लिए सोवियत प्रतिनिधि के रूप में काम किया।

इमेज: स्पेस.कॉम

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