कोविड-19 के दौर में योग, मेडिटेशन हमें कैसे मज़बूत रखता है, बता रही हैं योग गुरु दीक्षा लालवानी

कोविड-19 के दौर में योग, मेडिटेशन हमें कैसे मज़बूत रखता है, बता रही हैं योग गुरु दीक्षा लालवानी

महामारी के दौर में योग, मेडिटेशन की क्या अहमियत है, उन्होंने ऐसे ही ढेर सारे सवालों के जवाब दिए विशेष वेबिनार में
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योग माइंडफुलनेस से कैसे जुड़ा हुआ है? कोविड के दौरान योग कैसे मदद करता है? ध्यान लगाने का बेहतरीन तरीका कौन-सा है? हमारे दिमाग में ऐसे ही ढेर सारे सवाल और उलझन रहते हैं। माइंडफुलनेस और योग गुरु दीक्षा लालवानी ने इन सारे सवालों के व्यवहारिक जवाब दिए ThinkRight.me के वेबिनार में।

सवाल – क्या मेडिटेशन के लिए योग ज़रूरी है? या हम बिना योग के भी मेडिटेशन का अभ्यास कर सकते हैं?

दीक्षा लालवानी – सिर्फ मेडिटेशन का भी अभ्यास किया जा सकता है। योग और मेडिटेशन जब साथ किया जाता है तो इसके फायदे और अनुभव बढ़ जाते हैं। मेरे लिए, योग से पहले ध्यान यानी मेडिटेशन आता है, और मुझे लगता है कि इसके विपरित करना भी सही है। मेरे लिए मेडिटेशन योग के फायदों को बढ़ाने वाला है, ध्यान लगाने के लिए मैं लंबे समय तक बैठ सकती हैं, मेरे शरीर में ऐंठन महसूस नहीं होती, क्योंकि यह अधिक लचीली हो चुकी है।

योगाभ्यास हमारे सेहत के लिए बहुत ज़रुरी है । इमेज : फाइल इमेज

सवाल – योगाभ्यास करने का सही समय क्या है?

दीक्षा- सुबह का समय बेहतरीन है। वैज्ञानिक आधार पर बात करें तो शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं, इसका मेटाबॉलिज़्म अधिक होता है और योग विषैले पदार्थों को बाहर निकालने यानी डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, सूर्योदय के समय हमारे शरीर में अधिक ऊर्जा होती है और वातावरण भी अधिक सकारात्मक रहता है।

प्रैक्टिकली बात करें तो, शहरों में लोगों को मुश्किल से अपना ध्यान रखने का समय मिल पाता है, ऐसे में बाद में योग के लिए समय निकालने की मशक्कत करने की बजाय बेहतर होगा कि दिन की शुरुआत ही इससे की जाए।

सवाल – क्या खुद से मेडिटेशन करने की बजाय गाइडेड मेडिटेशन बेहतर होता है?

दीक्षा- यदि आपने मेडिटेशन की बस शुरुआत ही की है तो आपको इसे खुद से करना मुश्किल लग सकता है, इसलिए गाइडेड मेडिटेशन आपके लिए अच्छा रहेगा। धीरे-धीरे, जब आप अधिक ध्यान लगाने लगेंगे तो आप इसे स्वतंत्र रूप से कर पाएंगे। इसके बाद हो सकता है कि आपको गाइडेड मेडिटेशन की ज़रूरत न पड़ें। यह आपको कुदरती रूप से आ जाएगा। हालांकि लंबे समय से ध्यान का अभ्यास करने वाले कुछ लोग गाइडेड मेडिटेशन को ही तवज्जो देते हैं, क्योंकि उन्हें ध्यान की स्थिति तक पहुंचने में मदद के लिए उस आवाज़ की ज़रूरत होती है।

सवाल – मैं योगाभ्यास की शुरुआत कैसे कर सकता/सकती हूं?

दीक्षा– सबसे अच्छा तरीका है कि आप एक शिक्षक रखें। यदि कोई योग गुरु सुबह घर पर आकर आपको अभ्यास कराए तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। इससे आप नियमित रूप से इसे करेंगे और अभ्यास को गहराई से सीखेंगे। वैकल्पिक तौर पर, योग स्टुडियो में इसका अभ्यास करना भी एक अच्छा तरीक है। यहां आपको स्टुडियों में जाने और रोज़ाना अभ्यास के लिए नियम का पालन करना होगा। लंबे समय तक अभ्यास के बाद आप खुद से इसे कर सकते हैं।

सवाल – योग के दौरान कैसे माइंडफुल रहें और इसे सिर्फ कसरत की तरह न करें?

दीक्षा– बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि योग और आध्यात्मिकता को कैसे साथ लाया जाए। इसके कुछ तरीके हैं- पहला है, ऐसे प्रशिक्षक से ट्रेनिंग लेना जो खुद योग को माइंडफुलनेस गतिविधि के रूप में देखता है। वह आपको सही तरीके से योग सीखने में मदद करेंगे। साथ ही, यदि आप अकेले अभ्यास कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि योग का अंत आप मेडिटेशन के साथ करें। यह आंतरिक संतुलन और माइंडफुलनेस के अभ्यास के लिए महत्वपूर्ण है।

सवाल – कोविड के बाद, मुझे बहुत तनाव महसूस हो रहा है और मुझे हमेशा डर रहता है कि कहीं कुछ बुरा न हो जाए। मैं इस स्थिति से कैसे बाहर निकलूं?

दीक्षा- सबसे पहले तो आपको समझना होगा कि इस लड़ाई में आप अकेले नहीं है, इससे बहुत मदद मिलेगी। आपकी तरह ही बहुत से लोग तनाव में और उसी तरह के डर में है, यह जानने के बाद आपका बोझ थोड़ा हल्का हो जाएगा। बस अपने आपको स्वीकार करें कि जो आप महसूस कर रहे हैं ठीक हैं। जान लें कि आप खुद इतने मज़बूत हैं कि इन सबसे बाहर निकल सकते हैं और यह आपको पॉजिटिव सोचने में मदद करेगा। आपका शरीर बहुत कुछ कर चुका है, इसलिए आप जो खाते हैं और करते हैं उसके प्रति माइंडफुल रहें। अपने साथ रहें, अपने शरीर का सम्मान करें और इसका अच्छी तरह ध्यान रखें।

सवाल – कोविड के समय सामाजिक रूप से दूर रहने के दौरान लोग अपना ख्याल कैसे रख सकते हैं?

दीक्षा- मैं दिन में 3 बार ध्यान लगाने की सलाह देती हूं। यह सक्रिय दिमाग को शांत करने के साथ ही आइसोलेशन के दौरान अकेलेपन को दूर का अच्छा तरीका है। यह नकारात्मक विचारों को कम करने और कुछ समय के लिए दिमाग को शांत रखने में मदद करता है। गाइडेड मेडिटेशन सुनने के दौरान आप श्वासना का अभ्यास कर सकते हैं। अपने शरीर को आराम करने दीजिए और मेडिटेशन के साथ दिमाग को व्यस्त रखिए। कोविड सेल्फ आइसोलेशन के दौरान खुद का ख्याल रखने का यह बेहतरीन तरीका है।

सवाल – योग और मेडिटेशन अभ्यास में निरंतरता कैसे बनाए रखें?

दीक्षा- यहां असली सवाल यह है कि हम अपने जीवन में चाहते क्या हैं? यदि खुद को खोजना या आंतरिक यात्रा आपकी प्राथमिकता नहीं है, तो आपके योग या ध्यान के अभ्यास में अनुशासन की कमी होगी। यदि आपकी प्राथमिकता कुछ और है तो आपके समय और ध्यान का उस ओर भटकना स्वाभाविक है। अपनी

देखभाल पर पर्याप्त समय खर्च न करना अंततः आपको तनाव की ओर ले जाएगा, तो एक बार जब आपको इस बात का एहसास होगा कि हर चीज़ की शुरुआत आपके साथ होती है, तो आप स्वाभाविक रूप से माइंडफुलनेस की ओर बढ़ेंगे। यह भोजन करने और ब्रश करने जैसा ही नियमित हो जाएगा, आपको इसके लिए समय निकालने की ज़रूरत नहीं होगी, यह जीवन का एक हिस्सा बन जाएगा।

सवाल – गाइडेड मेडिटेशन के निर्देशों का पालन करने में दिक्कत होने पर मुझे क्या करना चाहिए?

दीक्षा- मन में समर्पण की भावना होनी चाहिए। ऐसा अक्सर होता है कि हमारा मन कठोर हो जाता है और हम निर्देशों का विरोध नहीं कर पातें। निर्देशों, उसके बहाव और प्रक्रिया पर भरोसा करें। यह आपको एक बेहतर जगह पर ले जा सकता है, या हो सकता है कि कहीं नहीं ले जाए। लेकिन, पहला कदम है विश्वास करना, अपने दिल और दिमाग को खोलना और निर्देशों को आत्मसात करना।

उम्मीद है आपको भी अपने सवालों के जवाब मिल गए होंगे।

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