“कोरोना में घर बैठकर ऐसी कौन सी कसरत करें कि तन और मन दोनों सेहतमंद
रहे।“
अगर आप भी
ऐसा ही सोच रहे हैं, तो आप नीचे दिए 5 योगासन रोज़ करके खुद को सेहतमंद बना सकते
हैं।
नौकासन
यह दो शब्दों से मिलकर बना है नौका मतलब नाव और आसन यानी मुदा। इस मुद्रा में शरीर नाव के आकार में आ जाता है, इसलिए इसे नौकासन कहते हैं। यह आसन पेट की मांसपेशियों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। पाचन के लिए अच्छा है और पेट की चर्बी को कम करता है। यह पेट और पैर की मांसपेशियों को भी मज़बूत करता है। जो लोग लगातार बैठे रहकर काम करते हैं उनके लिए यह आसान काफी मददगार साबित होगा। काम के दौरान बीच-बीच में थोड़ा ब्रेक लेकर यह आसान करके हाथों और पैरों को आराम दे सकते हैं।
कैसे करें
- पीठ के बल लेट जाएं
- गहरी सांस लेते हुए दोनों पैरों को जितना ऊपर उठा सकते हैं उतना उठाएं
- दोनों हाथों को पैरों के समान बराबर में सामने उठाएं
- कोहनी और घुटनों को मोड़े बिना शरीर को इसी मुद्रा में रखें
- सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर आराम से आएं
धनुरासन
इस आसन का नाम उसे अपनी धनुष के आकार की वजह से मिला है। यह आसन कमर और रीढ़ की हड्डी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। धनुरासन करने से गर्दन से लेकर पीठ और कमर के निचले हिस्से तक के सारे शरीर के स्नायुओं को अच्छा व्यायाम मिलता है।
कैसे करें
- पेट के बल लेट जाएं
- अपने हाथों को पीछे की ओर करें और पैरों को पकड़ें
- अपने शरीर की लचीलेपन के हिसाब से पीछे की ओर खींचने की कोशिश करें
- 15-20 सैकेंड तक रूकें
- धीरे- धीरे सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
यह संस्कृति के चार शब्दों अर्ध+मत्स्य+इंद्र+आसन से मिलकर ‘अर्ध मत्स्येन्द्रासन’ बना है। इस आसन में रीढ़ और पैर के साथ लगभग शरीर के सभी अंगो की अच्छी कसरत हो जाती है। इसे रोज़ाना करने से शरीर लचीला बनता है और विशेष रूप से कूल्हे और रीढ़ की हड्डी लचीली होती है। साथ ही यह आसन कंधे और गर्दन के लिए भी फायदेमंद होता है और शरीर को ऊर्जा से भर देता है। इसलिये सेहत के लिहाज से यह शरीर के सभी अंगों के लिए बहुत असरदार है।
कैसे करें
- पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए सीधे बैठ जाएं
- बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाहिने कूल्हे के पास रखें
- दाहिने पैर को बाएं घुटने के ऊपर से सामने रखें
- बाएं हाथ को दाहिने घुटने पर रखें और दाहिना हाथ पीछे रखें
- कमर, कन्धों और गर्दन को दाहिनी तरफ से मोड़े।
- रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
- इसी अवस्था में कुछ समय तक रूके और फिर सामान्य हो जाए
- यही प्रक्रिया दूसरी पैरे के साथ दोहराएं
अधोमुख श्वानासन
यह संस्कृत के तीन शब्द से बना है, अंधो का मतलब आगे, मुख यानी चेहरा और श्वान यानी की कुत्ता। इस आसान के करने से बाजुओं, कंधों, पैरों और शरीर के अकड़न को दूर करने में काफी फायदेमंद है। अधोमुख शवासन करने से दिमाग में खून का संचार होता है जिससे दिमाग की कार्यप्रणाली सक्रिय तौर पर काम करती है और चिंता तथा अवसाद भी कम होते हैं। इतना ही नहीं दिमाग को शांति प्रदान करता है और सिरदर्द, अनिंद्रा, थकान आदि में भी बहुत लाभदायक है।
कैसे करें
- सबसे पहले लेटकर पैरों के बल सांस छोड़ते हुए कमर को ऊपर उठाएं
- शरीर को त्रिकोण के आकार में लाएं
- अपने घुटने और कोहनी को मज़बूती से त्रिकोण की तरह सीधा रखें
- गहरी सांस लें और अपनी नज़रें नाभि पर बनाये रखें
- सांस छोड़ते हुए घुटने को मोड़े और वापस मेज़ वाली स्थिति में आ जाए
गोमुखासन
यह योग करते समय शरीर का आकार गाय के मुख के समान होने के कारण इसे ‘गोमुखासन’ कहा जाता हैं। अंग्रेजी में इसे ‘ द काऊ पोज ‘ कहा जाता है। गोमुखासन को करने पर होने वाली सांसों क्रिया के माध्यम से मन शांत होता है। इससे हर तरह के मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है। तनाव से राहत मिलने से कई अन्य शारीरिक समस्याएं भी दूर होने लगती है। घुटनों, कूल्हों, जांघों, कंधों, पीठ और छाती की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है।
कैसे करें
- योगा मेट पर सुखासन या दण्डासन में बैठ जाएं
- अब बायें पैर की एड़ी को दाहिनी जांघ के पास रखिए
- दाहिने पैर को बाई जांघ के ऊपर से क्रॉस करते हुए इस प्रकार स्थिर करे कि घुटने एक दुसरे के ऊपर रहने चाहिए
- दाहिने हाथ को पीठ के पीछे मोड़कर हथेलियों को ऊपर की ओर ले जाएं और बाएं हाथ को पकडे
- पीठ सीधा रखे।
- गहरी सांस लेकर कुछ देर रुकें
- इस प्रक्रिया को दूसरे हाथ और पैर को बदलकर दोहराएं
तो देर किस बात की, आज से इन योगासनों को अपने रुटीन में शामिल करके खुद को सेहतमंद बनाइये।
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