बिना नमक के खाना बिल्कुल बेस्वाद लगता है, इसलिए नमक किसी भी भोजन का अहम हिस्सा होता है और नमक में मौजूद सोडियम शरीर के लिए ज़रूरी भी है, लेकिन सीमित मात्रा में। इसका अधिक सेवन दिल के लिए घातक हो सकता है, इसलिए अपने भोजन में नमक की मात्रा को कम रखना ज़रूरी है। यदि आप स्वाद से समझौता नहीं करना चाहतें तो खाना बनाते समय नमक की जगह कुछ खास मसालों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कालीमिर्च
हालांकि इसका स्वाद नमकीन नहीं होता, मगर इसका तीखा फ्लेवर नमक की कमी को पूरा कर देता है। सूप, दाल, सब्जी, सलाद आदि में आप कालीमिर्च पाउडर डाल सकते हैं। यह सेहत के लिए भी अच्छा होता है। कालीमिर्च में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लामेट्री गुण होते हैं जो आपकी दिल की सेहत के लिए अच्छे होते हैं और सर्दी-खांसी में भी यह फायदेमंद होता है।
नींबू का रस
भोजन में नमक की मात्रा कम रखने का यह एक और हेल्दी विकल्प है। नींबू का रस या नींबू को कद्दू कस करके आप भोजन में मिला सकते हैं। विटामिन सी से भरपूर नींबू का रस आपकी हड्डियों और इम्यून सिस्टम को भी मज़बूत बनाने का काम करता है।
धनिया
धनिया के पत्ते या धनिया पाउडर का मसाले में इस्तेमाल करके आप नमक कम मात्रा में डाल सकते हैं, इससे खाने का स्वाद और फ्लेवर बना रहेगा। धनिया में एंटीऑक्सीडेंट होता है जो सूजन कम करने के साथ ही आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने का भी काम करता है। हरे धनिया की कुछ पत्तियों को दाल-सब्जी में डालकर आप इसे पौष्टिक और स्वादिष्ट बना सकती हैं।
सोया
यदि आप भी खाने में नमक की मात्रा कम करना चाहते हैं तो भोजन में सोया का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें विटामिन ए, सी और मैग्नीशियम होता है। कई अध्ययन से यह बात साबित हुई है कि इसमें मौजूद फ्लेवोनॉइड्स दिल की सेहत का ख्याल रखते हैं।
जीरा
तड़के में तो जीरा का इस्तेमाल आप करती ही होंगी, साथ ही जीरा पाउडर का इस्तेमाल करके आप किसी भी व्यंजन में नमक की मात्रा कम कर सकती हैं। इससे भोजन में अच्छी खूशबू और फ्लेवर आएगा। जीरा में आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम और विटामिन ए होता है जो आपको स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
क्यों जरूरी है नमक की मात्रा कम करना?
खाने में थोड़ा नमक तो जरूरी है, लेकिन अतिरिक्त नमक सेहत के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। इससे दिल की बमारियों के साथ ही डिहाइड्रेशन भी हो सकता है। इसके अलावा इससे किडनी में पथरी, पेशाब में कैल्शियम का लेवल बढ़ जाना, मोटापा आदि जैसे समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों में सूजन होने पर भी डॉक्टर कम नमक खाने की सलाह देते हैं।
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