“शरीर के पोस्चर को सही रखकर आप जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां कर सकते हैं कम”, योग गुरू निष्ठा बिजलानी

“शरीर के पोस्चर को सही रखकर आप जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां कर सकते हैं कम”, योग गुरू निष्ठा बिजलानी

योगासनों के ज़रिए शरीर को फिट रखकर ही मानसिक शांति मिल सकती है
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याद है, पिछले साल अक्सर लोग यही कहते थे कि साल 2021 में कोरोना पर काफी हद तक काबू पा लिया जाएगा और हम फिर से सामान्य ज़िंदगी जी पाएंगे, लेकिन जैसे-जैसे ये साल बीत रहा है, ऐसा लग रहा है कि ये वायरस शायद धीरे-धीरे हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है। हालांकि लोग इस सच को स्वीकार कर ज़िंदगी में आगे बढ़ रहे हैं, परंतु अनिश्चितताओं का ये दौर लोगों के मन और दिमाग पर काफी असर डाल रहा है। लोगों में घबराहट और तनाव जैसी समस्याएं काफी बढ़ गई है, इसलिए समय रहते इनका समाधान निकालना ज़रूरी है। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए ThinkRight.me ने हाल ही में वेबिनार किया, जिसमें योग गुरू निष्ठा बिजलानी ने उन सभी सवालों के जवाब दिए, जो लोगों को लगातार परेशान कर रहे हैं।

सवाल – महामारी के इस दौर में मृत्यु के भय से मुक्त होने में योग कैसे मदद कर सकता है?

निष्ठा – देखिए, आप इस सत्य को कभी नहीं नकार सकते और न ही यह हमारे हाथ में है। कोरोना के नए वैरियंट आ रहे हैं या बाहरी चीज़ों पर हमारा नियंत्रण नहीं हो सकता, पर हां हम अपने अंदर के भावों और शरीर को मज़बूत कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आप अपने शरीर को स्वस्थ बनाएं, योगासन करें, सही खानपान रखें। अपने परिवार और अपनों की देखभाल करें, उनके साथ समय बिताएं। इस बात का ध्यान रखें कि योगासन धीरे-धीरे शुरू करें। शुरूआत में हफ्ते में दो बार और फिर तीन से चार दिन करते हुए इसे आप अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं। जब मन और शरीर मज़बूत होगा, तो इस तरह के ख्याल खुद ब खुद जाने लगेंगे।

सवाल – फिलहाल घर से बाहर निकलना मुश्किल है, तो कसरत करना लगभग नामुमकिन हो गया है, ऐसे में घर पर रहकर ही खुद को फिट कैसे रखें?

निष्ठा – सबसे पहले यह जानना बेहद ज़रूरी है कि योगासन से शरीर की कसरत होती है, जैसाकि आप जिम में करते हैं, लेकिन दोनों में सबसे बड़ा फर्क है कि योगासन करते समय सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर ज़ोर दिया जाता है। योग में सांस को सुरक्षित रखना सिखाया जाता है। हमारे सारे योगासन के मूवमेंट सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया से जुड़े होते हैं। आप योगासन करके फिट रह सकते हैं, इसके लिए फिलहाल आप ऑनलाइन क्लास कर सकते हैं। शुरूआत में आसान योगासन करिए और फिर धीरे-धीरे अपने योग में प्राणायाम को शामिल करिए।

अपनी जीवनशैली को बनाएं बेहतर | इमेज: फाइल इमेज

सवाल – प्राणायाम योगासन से पहले करना चाहिए या बाद में?

निष्ठा – तो योगासन शुरू करने से पहले आप कपालभाति कर सकते हैं। इससे आपके अंदर जमा कार्बन डीऑक्साइड निकल जाएगी। योगासन खत्म होने पर आप आलोम-विलोम प्राणायाम कर सकते

हैं और अगर शरीर से पसीने आ रहे हैं और गर्मी महसूस हो रही है, तो शीतली और शीतकारी प्राणायाम भी कर सकते है। इसके बाद श्वासन करिए और फिर मेडिटेशन करके इस प्रक्रिया को समाप्त कर सकते हैं।

सवाल – कहते हैं कि योग और मेडिटेशन करते समय आप अपने मन से जुड़ जाते हैं, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर पाती, कैसे हम खुद को अंदर से जोड़े?

निष्ठा – जब हम कुछ करते हुए अपेक्षा करने लगते हैं, तो हम उसका अनुभव नहीं कर पाते। कुछ ऐसा ही योग या मेडिटेशन करते समय होता है, जब आप ये सोचने लगते हैं या प्रेशर महसूस करते हैं कि मैं तो इससे जुड़ नहीं पा रहा या मुझे अंदर से कोई जुड़ाव महसूस नहीं हो रहा, तो आप उस अनुभव से वंचित रह जाते हो। कभी भी पहले से प्लान या सोचकर मेडिटेशन या योग न करें। अपने गुरू पर विश्वास रखें और उसकी गाइडेंस में योग करें। आपको ज़रूर फायदा होगा।

सवाल – जिन लोगों का शरीर कम लचीला/फ्लेक्सिबल है, वह योग कैसे करें?

निष्ठा – जब आप डांस सीखने की कोशिश करते हो, तो ज़रूरी नहीं न कि आपका शरीर उतना ही फ्लेक्सिबल हो, जब आप धीरे-धीरे डांस सीखते हो, आपका शरीर फ्लेक्सिबल होने लगता है, ठीक वैसे ही योग में भी है, सबसे पहले अपने मन को फ्लेक्सिबल बनाए और फिर योगासन की प्रैक्टिस करे। आपको पहले ही सेशन के बाद महसूस होने लगेगा कि मैं योगासन कर सकती हूं।

सवाल – आजकल की जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं को रोकने में योग कैसे मदद करता है?

निष्ठा – सही समय न खाना, सोना और सारा दिन टीवी,फोन या लैपटॉप से जुड़े रहना लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याओं का कारण है और जब हम उठते-बैठते है, तो अपने पोस्चर पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते। आजकल लोग ज़मीन पर आलती-पालथी मारकर नहीं बैठ पाते, क्योंकि लोगों का पोस्चर सही नहीं है। हमारी रीढ़ की हड्डी सीधे दिमाग से जुड़ी होती है, जब हमारा बैठने और चलने का पोस्चर सही होगा, तभी हमारा दिमाग तेज़ चलेगा, हमारी पाचन क्रिया और श्वसन क्रिया सही होगी और तभी ये दिक्कते कम होगी। आपका शरीर मंदिर है, जिसे सही रखना आपकी ज़िम्मेदारी है।

सवाल – अच्छी नींद के लिए क्या करना चाहिए?

निष्ठा – सबसे पहले तो आप सुबह सूरज उगने से पहले या उस समय उठिए और रात को सूरज छिपने के बाद डिनर मत करिए क्योंकि जैसे-जैसे अंधेरा होता है, हमारी पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। अगर खाना पचता नहीं है, तो भी नींद आने में परेशानी होने लगती है। शाम ढलते-ढलते हमारा शरीर धीरे-धीरे सुस्त होने लगता है। ऐसे में रात के समय कसरत करना सही आदत नहीं है, हमारा

शरीर आराम की स्थिति में होता है और हम कसरत के ज़रिए उसे एनर्जी देते हैं। रात का समय शरीर को आराम देने का होता है। इसलिए समय पर काम खत्म करके कम रोशनी में सोने की कोशिश करें और सोने से पहले मोबाइल या टीवी इत्यादि न देखें। रात को आप चाहे तो कैफीन मुक्त कैमोमाइल चाय ले सकते हैं। इससे नींद अच्छी आती है।

सवाल – कोरोना के दौरान अकेलेपन से कैसे बचा जाए?

निष्ठा – कोरोना से पहले हम सभी बाहरी चीज़ों में व्यस्त थे, तो ऐसे में खुद के बारे में सोचने या अकेलेपन जैसी बातें बहुत कम मन में आती थी। चूंकि अब हम सब घर पर है और कोरोना होने पर खुद अकेले रहना थोड़ा मुश्किल लगता है क्योंकि हम इतने सालों से खुद से रिश्ता बनाना ही भूल गए थे। इसलिए अब मौका है, जो सीखना चाहते थे, वह सीखिए। खुद को जानिए, आप खुद को अकेला महसूस नहीं करेंगे। अगर आप बहुत ज़्यादा अकेलापन महसूस कर रहे हैं, तो मैं इस समय मेडिटेशन करने की सलाह नहीं दूंगी, आप पहले पढ़िए व देखिए और खुद में अच्छा महसूस करिए। फिर आप मेडिटेशन से जुड़िए।

उम्मीद है, कोरोना के इस दौर में योग गुरू निष्ठा बिजलानी की कही बातों को आप अपने जीवन में अपनाकर बेहतर महसूस करेंगे।

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