योग करते समय सही तरीके से सांस लेने पर कम होता है तनाव

योग करते समय सही तरीके से सांस लेने पर कम होता है तनाव

स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ सांस लेना नहीं, सही तरीके से सांस लेना ज़रूरी है
FacebookTwitterLinkedInCopy Link

सांस लेना एक ऐसी क्रिया है जिसे हर दिन हर व्यक्ति करता है, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि आप किस तरह से सांस लेते हैं यानी गहरी सांस या उथली सांस? दरअसल, योगासन में सांस लेने और छोड़ने का एक तरीका होता है और जब आप इस तरीके को सही तरह से अपनाते हैं तो मन और मस्तिष्क दोनों शांत रहते हैं। यही नहीं सही तरह से सांस लेकर तनाव से भी बचा जा सकता है।

मानसिक शांति के लिए योग जरुरी है : इमेज फाइल इमेज

सांसों का तनाव से कनेक्शन

क्या कभी आपने गौर किया है कि तनाव में होने पर जब आप एक जगह बैठकर गहरी सांस लेते हैं तो कितना अच्छा महसूस होता है। इससे आप तरोताज़ा महसूस करते हैं। दरअसल, ऐसा करने से शरीर से हानिकारक टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं और आप सुकून का अनुभव करते हैं, यही वजह कि योगासन में सांस की प्रक्रिया को बहुत अहमियत दी गई है। जो लोग नियमित रूप से योग करते हैं आपने देखा होगा कि वह प्राणायम ज़रूर करते हैं। प्राणायाम में सबसे ज़्यादा ध्यान सांसों पर ही दिया जाता है। नियमित रूप से प्राणायाम करने से तनाव से मुक्ति मिलती है। योग विशेषज्ञों का मानना है कि जब आप छाती से सांस लेते हैं तो मस्तिष्क को यह संकेत जाता है कि सब ठीक नहीं है और आप तनाव में हैं। इसके विपरीत पेट से सांस लेने पर मस्तिष्क को न सिर्फ यह संकेत जाता है कि सब ठीक है, बल्कि आपकी श्वसन प्रणाली भी ठीक तरह से काम करती है और मस्तिष्क तक ऑक्सीजन भी अच्छी तरह से पहुंचता है।

सही तरीके से सांस लेने का अभ्यास कैसे करें?

सुनने में शायद आपको अजीब लगे, मगर मानसिक शांति के लिए यह बहुत ज़रूरी है। सही तरीके से सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया सीखने के लिए सबसे पहले किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अपने हाथों को पेट और छाती पर रखें ताकि आप महसूस कर सकें कि सांस कहां से आ रही है। आंखें बंद करके गहरी सांस लेते और छोड़ते रहें जब तक कि आपको यह महसूस न हो कि आपका पेट आपकी छाती से ज़्यादा बार अंदर और बाहर आ रहा है, क्योंकि इसी तरीके से शरीर को अधिक ऑक्सीन मिलेगा। नाक से सांस लें और मुंह से छोड़ें।

सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। शरीर के उन हिस्सों पर ध्यान दें जो सांस लेते समय क्रियाशील होते हैं। इस दौरान दिमाग से अन्य विचार निकालकर सिर्फ अपनी सांसों पर ध्यान दें। हर दिन इसका अभ्यास करने से न सिर्फ दिमाग शांत रहता है, बल्कि यह अस्थमा और फेफड़ों को मज़बूत बनाने में भी मददगार है।

प्राणायाम के फायदे

  • शरीर को ऊर्जावान बनाता है।
  • शरीर, मन और आत्मा में संतुलन बनाता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
  • तनाव कम करके मन शांत रखता है।
  • सांस संबंधी समस्या नहीं होती।

अगली बार से आप भी अपनी सांसों पर ध्यान देना शुरू कर दीजिए, कम से कम दिन में 15-20 मिनट के लिए प्राणायाम करके अपने मन और मस्तिष्क को तनावमुक्त रखिए।

और भी पढ़िये : किचन में खत्म हो गई हैं सब्जियां तो आज़मा सकते हैं 5 रेसिपी

अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और  टेलीग्राम पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight.Me

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.