रद्दी से ओल्ड एज होम चला रहे हैं पुणे के डॉक्टर कपल

रद्दी से ओल्ड एज होम चला रहे हैं पुणे के डॉक्टर कपल

रद्दी का किया सही इस्तेमाल, की जा रही है इससे बुजर्गों की सेवा
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जिनके अंदर दूसरों की मदद करने का जज़्बा होता है, वह कमी के बावजूद कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं। जैसेकि पुणे के डॉक्टर कपल ने किया। वृद्धाश्रम चलाने वाले इस कपल ने रद्दी के ज़रिए फंड जुटाकर सबको हैरान कर दिया।

कपल ने किया कमाल

डॉक्टर कपल डॉ. अविनाश (61) और डॉ. मनाली वैद्य (58) हमेशा से दूसरों की मदद के लिए समर्पित रहे हैं। स्क्रैप बैंक उनकी ही एक पहल है, जहां वह ओल्ड एज होम के लिए फंड की व्यवस्था करने के लिए रद्दी इकट्ठा करते हैं।

पुणे का ये डॉक्टर कपल पिछले 35 साल से मेडिसीन और पैथोलॉजी की प्रैक्टिस कर रहे हैं। समाज सेवा के प्रति प्रेम ने ही उन्हें श्री शंकर महाराज सेवा मंडल चैरिटेबल ट्रस्ट बनाने के लिए प्रेरित किया। 2015 में रजिस्टर्ड हुआ यह ट्रस्ट कई तरह की सोशल एक्टिविटीज़ करता है।

हालांकि डॉक्टर कपल इस एनजीओ के बनने से पहले से ही अपने दोस्तों और सहयोगियों के साथ मिलकर समाज सेवा का काम करते आ रहे हैं। पिछले 30 सालों से वह ब्लड डोनेशन कैंप और फ्री हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन करते आ रहे हैं। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरुकता, अलग-अलग मुद्दों पर पब्लिक अवेयरनेस के लिए साइकिल रैली का आयोजन, कपड़े का बैग बांटना जैसे कई अन्य काम यह कपल कर रहे हैं।

ओल्ड एज होम
रद्दी के ज़रिए फंड जुटाकर चलाते हैं ओल्ड एज होम |इमेज : स्क्रैप बैंक ऑफ इंडिया

भारत का स्क्रैप बैंक

इस एनजीओ की एक पहल है पुणे के पिंपरी, चिंचवड के किवाले गांव में खुला फ्री ओल्ड एज होम जिसका नाम है स्नेहसावली-आपले घर। इस ओल्ड एज होम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे चलाने के लिए फंड रद्दी से जुटाया जाता है, जिसके लिए 4 साल पहले स्क्रैप बैंक बनाया गया। एनजीओ के वॉलेंटियर्स आसपास के इलाकों में जाकर रद्दी जुटाते हैं, जैसे अखबार, प्लास्टिक का बेकार समान, स्टील और दूसरी पुरानी चीज़ें जैसे फर्नीचर और इलेक्ट्रिकल आइटम्स आदि। रिसाइकल होने योग्य चीज़ों को रिसाइकलिंग के लिए भेजा जाता है। अलग-अलग तरह के सामान अलग-अलग डीलर ले जाते हैं। यदि कोई शख्स ऐसी मशीनें या अप्लायंसेस देता है जिसे रिपेयर करके दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है, तो एनजीओ इसे ठीक करवाकर किसी ज़रूरतमंद को दे देता है।

हालांकि यह काम डॉक्टर कपल के लिए आसान नहीं था। एनजीओं के लिए फंड जुटाने उनके सामने बहुत बड़ी समस्या थी, शुरू-शुरू में वह घर-घर जाकर फंड जुटाने की कोशिश करते थे, जिसमें बहुत मुश्किलें आती थीं। तभी उन्हें स्क्रैप बैंक का आइडिया आया। स्क्रैप बैंक बनने के बाद शहर के कई हिस्सों से लोग सामान दान करके समाजसेवा के काम में मदद कर रहे हैं।

स्नेहसावली-आपले घर ओल्ड एज होम में बुज़ुर्गों को खाने, पीने, रहने से लेकर मेडिकल सुविधा तक बिल्कुल मुफ्त दी जा रही है। फिलहाल डॉक्टर कपल के एनजीओ का काम पुणे तक ही सीमित है, लेकिन वह इसे पूरे महाराष्ट्र और भविष्य में देश के अन्य हिस्सों तक ले जाना चाहते हैं।

वाकई बुज़ुर्गों की मदद और समाजसेवा का इनका तरीका अनोखा और सबके लिए प्रेरणादायी है।

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