लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंची सड़क का बनाया इतिहास, बीआरो ने 19,300 फीट की बनाई ऊंची सड़क

लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंची सड़क का बनाया इतिहास, बीआरो ने 19,300 फीट की बनाई ऊंची सड़क

उमलिंगला दर्रा एवरेस्ट बेस कैंप और सियाचिन ग्लेशियर से भी ऊंची है ये सड़क
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अपनी अलौकिक सुंदरता और खूबसूरती के लिए लद्दाख देश- दुनिया में प्रसिद्ध है। बर्फ से ढकी चोटियां, साफ नीला आसमान, बहती नदियों के साथ हरियालियों की चादर होढ़ी हुई पहाड़ का मनोरम नजारा है लद्दाख का। इसकी सुंदरता और भी निखर रही है जिसके के कारण लेह-लद्दाख अब पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कारण बना है, क्योंकि  बीआरो (बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन) ने पूर्वी लद्दाख में उमलिंगला दर्रे के पास 19,300 फुट से ज़्यादा की ऊंचाई पर मोटर वाहन चलने योग्य सड़क बनाया है। यह सड़क विश्व में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

बीआरओ ने 52 किलोमीटर लंबी पक्की सड़क बनाई है। उमलिंग ला दर्रे की सड़क अब पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर के महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है।

आइये डालते हैं एक नजर सड़क निर्माण पर

इस सड़क का निर्माण माउंट एवरेस्ट के आधार शिविरों से भी ऊंचे स्थान पर किया गया है। माउंट एवरेस्ट का नेपाल स्थित साउथ बेस कैंप 17,598 फीट पर है जबकि तिब्बत स्थित नॉर्थ बेस कैंप 16,900 फीट की ऊंचाई पर है। इसके अलावा जिस ऊंचाई पर इस सड़क का निर्माण किया गया है वह सियाचीन ग्लेशियर से काफी ऊंचा है। सियाचीन ग्लेशियर की ऊंचाई 17,700 फीट है। लेह में खर्दुंग ला पास भी इस सड़क के निर्माण स्थल से कम 17,582 फीट की ऊंचाई पर है।

सबसे ऊंची सड़क

उमलिंगला दर्रे से होकर गुजरने वाली 52 किलोमीटर लंबी यह सड़क तारकोल से बनाई गई है और इसने बोलीविया के 18,953 फीट की सबसे ऊंची सड़क के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।

अगर बात करें एक हवाई जहाज की, तो एक हवाई जहाज 30,000 फीट या उससे ज़्यादा की ऊंचाई पर उड़ान भरता है। तो अंदाजा लगा सकते हैं कि यह सड़क हकीकत में उस ऊंचाई के आधे से ज़्यादा ऊंची है।

लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंची सड़क
लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंची सड़क | इमेज : ट्विटर

स्थानीय लोगों के लिए है रोजगार का अवसर

रक्षा मंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया, “यह स्थानीय आबादी के लिए वरदान साबित होगा क्योंकि यह लेह से चिसुमले और डेमचोक को जोड़ने वाला एक वैकल्पिक सीधा रास्ता बन गया है। यह सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगा और लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देगा।” 

चुनौतीपूर्ण रहा सड़क का काम

इस सड़क को बनाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सर्दियों में यहां का तापमान माइनस 40 डिग्री सेल्सलियस तक चला जाता है और ऑक्सीजन का स्तर सामान्य स्थानों के मुकाबले लगभग 50 फीसदी रह जाता है। बीआरओ ने ऐसी परिस्थितियों के बावजूद इस अहम सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है।

भारत ने एक नया ‘मुकाम’ हासिल किया है और हमें यकीन है कि आप इस सड़क से ड्राइव करने का आनंद का इंतजार नहीं कर सकते।

इमेज : ट्विटर

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