दुःख को खत्म करने के लिए ज़रूरी है खुद में बदलाव

दुःख को खत्म करने के लिए ज़रूरी है खुद में बदलाव

यदि आप सचमुच दुःखों से पार पाना चाहते हैं तो आपको मन, कर्म और वचन में बदलाव लाना होगा
FacebookTwitterLinkedInCopy Link

गौतम बुद्ध ने जीवन के प्रति अपनी सीख में न सिर्फ दुख की बात कही है, बल्कि उसके कारण और निवारण यानी उससे पार पाने के तरीकों के बारे में भी बताया है। महात्मा बुद्ध का चौथा आर्य सत्य है दुःखों के अंत का एक मार्ग है। बुद्ध ने बताया है कि हर इंसान के दुःखों को खत्म करने का एक रास्ता है और उसके लिए उन्होंने कुछ उपाय भी बताए हैं।

दुःखों की समाप्ति के लिए गौतम बुद्ध ने अष्‍टांगिक मार्ग अपनाने की बात कही है यानी 8 ऐसे रास्ते जिससे व्यक्ति को उसके दुःखों से छुटकारा मिल सकता है। उन्होंने अष्‍टांगिक मार्ग हर जगह सम्यक शब्द का इस्तेमाल किया है जिसका मतलब होता है अच्छा।

कसरत करना बहुत महत्वपूर्ण है । इमेज : फाइल इमेज

8 सम्यक मार्ग

  • सम्यक दृष्टि – अच्छी नज़र रखना
  • सम्यक संकल्प – जीवन में सही संकल्प लेना
  • सम्यक वाणी – अपनी बोलचाल में मिठास लाना
  • सम्यक कर्मांत – अपने काम सही रखना
  • सम्यक आजीविका – कमाने का ज़रिया अच्छा होना चाहिए
  • सम्यक व्यायाम – कसरत करना महत्वपूर्ण
  • सम्यक स्मृति – अच्छी सोच रखना
  • सम्यक समाधि – आज के जीवन में इसका अर्थ मेडिटेशन है

ज़रूरी है बदलाव

बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने के लिए आपको अपने मन, व्यवहार और कर्म में कई तरह के बदलाव लाने होंगे जैसे-

  • हिंसा, चोरी, लालच, ईर्ष्या आदि से दूर रहनें यानी सदाचार का गुण अपनाना होगा। जब मन से इस तरह के दुर्गुण दूर हो जाएंगे तो दुःख का कारण भी खत्म हो जाएगा।
  • खुद से वादा करें कि दूसरों के प्रति प्रेम, करुणा और समानाता का व्यवहार रखेंगे। जब मन में प्रेम की भावना होगी तो मन अपने आप शांत रहेगा।
  • हमेशा सच्चे बोलें और सौम्य अर्थात मीठे वचन बोलें। आपने ध्यान दिया होगा कि गुस्से में जब आप किसीसे कड़वे वचन बोलते हैं तो बाद में पछतावा होता है, लेकिन जब आप किसी से प्रेम से बोलते हैं तो सामने वाले के साथ ही आपका मन भी खुश होता है।
  • बुद्ध ने मेहनत से कमाई करने की बात कही है, मगर आज के समय में बहुत से लोग चोरी, छल-कपट के सहारे काम करते हैं जिससे उन्हें पैसे भले अधिक मिलते हों, लेकिन सुकून नहीं मिलता, ऐसे लोगों के जीवन में किसी न किसी रूप में दुःख रहता ही है। इसलिए इससे छुटकारा पाने के लिए सही रास्ते पर चलते हुए अपना काम करें।
  • अपने मन से बुरे विचारों को निकाल दें और इसके लिए तन और मन दोनों का स्वस्थ रहना ज़रूरी है। अतः मन में अच्छे विचारों के लिए अच्छी किताबें पढ़ें, सकारात्मक बातें करने वालों की संगत में रहें और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए योग, कसरत को दिनचर्या में शामिल करें।
  • दुःखों से दूर रहने के लिए खुद को जानना और समझना भी ज़रूरी है। यदि हम समझ ही नहीं पाएंगे कि किस कारण से हमें गुस्सा आ रहा है या हम उदास तो उसे दूर करने की कोशिश भला कैसे करेंगे, तो पहले अपने आप को समझिए और आत्मविश्लेषण करिए और इसके लिए सबसे अच्छा रास्ता है ध्यान लगाना।

जब मन से क्रोध, ईर्ष्या, लालच जैसे भाव दूर हो जाएंगे और आप अपने विचारों को लेकर पूरी तरह से स्पष्ट होंगे, जीवन में सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलेंगे तो दुःख अपने आप कोसो दूर हो जाएंगे।

और भी पढ़िये : चांद के बदलते आकार के अनुसार योगासन करने के फायदे अनेक

अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और  टेलीग्राम पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight.Me

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.