बिना किसी मनमुटाव के रिश्तों को सुलझाएं

बिना किसी मनमुटाव के रिश्तों को सुलझाएं

कुछ आसान तरीको से रिश्तों में आई दरार करें कम
FacebookTwitterLinkedInCopy Link

हर रिश्ते में छोटी-मोटी अनबन, नाराज़गी या तकरार तो होती ही रहती है पर इसका मतलब यह नहीं कि आप रूठ कर बैठ जाएं। यह किसी बात का हल नहीं, बल्कि धीरे – धीरे यह अनबन बढ़ती ही जाती है, इसलिए जब कभी भी कोई परेशानी हो, तो उसे बात करके सुलझाएं। मनमुटाव को हम जितनी जल्दी दूर कर लें, रिश्ते के लिए उतना ही अच्छा होता है।

बातचीत न करें बंद

कई लोग झगड़े के बाद अक्सर बातचीत करना बंद कर देते हैं, जिससे गलतफहमियां दूर ही नहीं हो पाती। चुप रहकर दोनों एक-दूसरे के बारे में नेगेटिव सोचते रहते है और इससे रिश्ते में कड़वाहट बढ़ती ही चली जाती है। बातचीत करें, इससे रिश्तों में कड़वाहट कम होती है। जिस रिश्ते में बातचीत कितनी भी कठिन परिस्थितियां आने पर भी बंद नहीं होती है, वहां हमेशा प्यार बना रहता है और एक दूसरे के प्रति सम्मान भी बढ़ जाता है। हो सके तो जब भी स्थिति बिगड़े, तो सबसे पहले यह जानने की कोशिश करें कि आप किससे नाराज़ है, समस्या की जड़ क्या है और इसे कैसे हल करें?  ऐसा करने से आप भविष्य में इस मुद्दे को फिर से आने से रोक सकते हैं।

सुनना सीखें

शांत और धैर्य रखकर बात सुनना ही बुद्धिमानी है। सुनना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि बात करना। जब बात आपस के मनमुटाव की आती है, तो अच्छा है कि सामने वाली की बात सुन लें और बहस न करें। ऐसा करने से आप दूसरे पक्ष की भावना को महत्व देते हैं। ठंडे दिमाग से दूसरे पक्ष की बात सुनें। चीज़ों को दूसरे कोण से देखने की भी कोशिश करें।

शांति से करें बातचीत
शांति से करें बातचीत |इमेज : फाइल इमेज

झगड़े दूर करने के लिये देखें सही समय और मूड

किसी बात पर झगड़ा हो जाने के बाद हमेशा दूसरे पक्ष के मूड को जानें और उसके बाद ही कोई बात शुरू करें। क्योंकि मूड खराब होने पर गुस्सा और भी बढ़ जाता है और बनी बात भी बिगड़ सकती है। हमेशा सही समय चुनें, दूसरे पक्ष का मूड और हालात देखकर बात करें।

खूबसूरत पलों को करें याद

झगड़ने के बाद बहुत ज़्यादा गुस्सा बना रहता है और एक-दूसरे से बातचीत करने का या शक्ल देखने का भी मन नहीं करता। ऐसे में एक-दूसरे से बातचीत बंद करने के बजाय अपने गुस्से को कम करने के लिए साथ बिताए उन खूबसूरत पलों को याद करें, जो आपको खुश करते हैं। आपकी ज़िंदगी में कई ऐसे यादगार लम्हे होंगे, जिन्हें याद कर अपने आप गुस्सा कम हो जाता है और चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

माफी मांगना या माफ करना सीखें

माफी मांगने से कोई छोटा नहीं होता। अगर आप माफी मांगने और दूसरों को माफ करने की क्षमता रखते हैं, तो असल में आप एक सुकून भरी ज़िंदगी जी सकते हैं। गलती करने पर माफी मांग लेने और दूसरों को माफ कर देने से न सिर्फ आपकी कई समस्याएं यूं ही आसानी से हल हो जाती है, बल्कि आपके मन का बोझ भी काफी हल्का हो जाता है।

समय रहते बिगड़े हालात को सुलझना ही अक्लमंदी होती है, इसलिए जब भी कोई टकराव हो, तो उसमें उलझे नहीं बल्कि उसे सुलझाने के बारे में सोचें।

और भी पढ़िये : टीनेज बच्चों के साथ कैसा हो पैरेंट्स का व्यवहार

अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्रामट्विटर , टेलीग्राम  और हेलो पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight.Me

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.