आमतौर पर लोगों को लगता है कि सिर्फ घर के बाहर जाकर काम करने वालों को ही तनाव होता है, खासतौर से पुरुषों को क्योंकि उनके ऊपर घर चलाने की ज़िम्मेदारी होती है। मगर आजकल हाउसवाइफ भी तनाव का शिकार हो रही हैं। घर की ढ़ेर सारी ज़िम्मेदारियां और छोटे-छोटे मुद्दे उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से तोड़ देते हैं और वह तनाव का शिकार हो जाती हैं।
काम का बोझ
आम धारणा यह है कि हाउसवाइफ के ऊपर किसी तरह का दबाव नहीं होता, क्योंकि घर के काम करना तो उनके लिए कॉमन है, जबकि ऐसा नहीं हैं। हाउसवाइफ को दरअसल, ढेर सारे काम करने पड़ते हैं। उनकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी होती है घर और परिवार की देखभाल। अपने दायित्व निभाने में वो फिज़िकल और मेंटल स्ट्रैस का शिकार हो जाती हैं।
नहीं मिल रहा सम्मान
हाउसवाइफ को पूरे दिन काम करना पड़ता है, उनका कोई निर्धारित शेड्यूल नहीं होता। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक वह परिवार की ज़रूरतें पूरी करने में बिज़ी रहती हैं। सारा दिन निःस्वार्थ काम करने के बाद उन्हें कोई सैलरी भी नहीं मिलती। घर की शांति बनाये रखने के लिये वह बहुत कुछ सहन करती है, मगर उन्हें काम को काम की तरह नहीं देखा जाता।
फुल टाइम जॉब
ज़रा सोचिये, अगर हाउसवाइफ अचानक वॉलेनट्री रिटायरमेंट ले लें और अपनी सारी ज़िम्मेदारियां छोड़ दें तो क्या होगा? हमारी ज़िंदगी वहीं रुक जायेगी। इसलिये हमें उनका सम्मान करना चाहिये और समय-समय पर उनके प्रति आभार व्यक्त करना चाहिये। इंजीनियर, वकील, प्रोजेक्ट डिज़ाइनर और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर जैसे कई पेशों में बहुत मानसिक थकान होता है। यदि हम इसकी गहराई में जायें, तो पायेंगे कि यह पेशे हाउसवाइफ की तरह ही है। दोनों को ही प्लानिंग, स्रोस मैनेजमेंट और कम्युनेकटिव इंटैलिजेंस का इस्तेमाल करना होता है। आजकल हाउसवाइफ घर का काम करने के साथ ही परिवार की आर्थिक मदद के लिए नौकरी भी कर रही हैं, यानी वह दो फुल टाइम जॉब करती हैं।
खुला आसमान दीजिये
हाउसवाइफ को किसी सीमा में कैद रखने की बजाय उन्हें अपने पैशन और सपने को पूरा करने के लिए खुला आसमान दीजिये क्योंकि जब वह खुश रहेंगी, तभी परिवार को खुश रख पायेंगी।
सभी को समान अधिकार है और महिला सशक्तिकरण के इस दौर में हर हाउसवाइफ को परिवार के प्रति उसकी सेवा के लिए पहचान और सम्मान मिलना चाहिये। उन्हें बेहतर मौके भी दिये जाने चाहिये ताकि वह अपनी ज़िम्मेदारियों के साथ ही सपनों को भी पूरा कर सके। पति को पत्नी का तनाव कम करने में मदद करनी चाहिए, क्योंकि हाउसवाइफ घर की सांसें है, जिसके बिना घर नहीं चल सकता।
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