हम तो अपने घर का कचरा साफ करके निश्चिंत हो जाते हैं, लेकिन हमारे घरों से निकलने वाला यही कचरा पर्यावरण के लिये बहुत बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। इसलिये वेस्ट मैनजमेंट बहुत ज़रूरी है। इस दिशा में कदम उठाते हुये नोएडा में अब कचरा बीनने वालों को ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की जा रही हैं, ताकि वह ज़हरीले और सामान्य कचरे को अलग करके पर्यावरण को बचा सकें।
कचरे को अलग करना
सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग रखने की व्यवस्था कुछ ही शहरों में अपनाई जा रही हैं। कुछ लोग गीले कचरे से खाद बनाकर कम कचरा पैदा कर रहे हैं। मगर कचरे में एक परेशानी ज़हरीला कचरा है, जो कचरा बीनने वालों और पर्यावरण दोनों के लिये हानिकारक हैं। इसलिये उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने नोएडा में कचरा बीनने वालों के लिये वर्कशॉप का आयोजन करने की योजना बनाई है। इस वर्कशॉप में उन्हें हानिकारक कचरे को अलग करने की ट्रेनिंग दी जायेगी ताकि बाकी कचरे को रिसाइकलिंग के लिये अलग किया जा सके। दरअसल, कचरे के ढ़ेर में बहुत सारा कचरा ऐसा होता है, जिसकी रिसाइकलिंग की जा सकती है, लेकिन इसके लिये ऐसे कचरे को अलग करना ज़रूरी है।
सुरक्षा का ध्यान
हालांकि नोएडा शहर में कुल कितने कचरा बीनने वाले हैं, इस संबंध में कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में प्रशासन एजेंसी से मदद लेकर डेटा तैयार कर रहा है।
इसके बाद उनके लिये ट्रेनिंग का आयोजन किया जायेगा, जहां उन्हें हानिकारक कचरे के बारे में बताने के साथ ही उससे सुरक्षित रहने के लिये जैकेट और ग्लव्स भी दिये जायेंगे। इस अभियान का एकमात्र मकसद हानिकारक कचरे को बाकी कचरे में मिक्स होने से बचाना है ताकि रिसाइकलिंग में दिक्कत न आये।
आइये हम सब करें पहल
दो डस्टबिन
दरअसल, किचन से निकलने वाला अधिकांश कचरा ऐसा होता है, जिसे आसानी से रिसाइकल किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसके लिये खासतौर पर महिलाओं को कूड़ा निपटाने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिये। सबसे पहले घर में दो डस्टबिन रखने चाहिये। एक डस्टबिन में फल- सब्जियों के छिलके, बची सब्जियां, आटा, दाल, बीज, चाय पत्ती, दूध से बनी चीज़ों का कचरा रखें और दूसरे नीले डस्टबिन में पॉलिथीन, सामानों के रैपर, पुरानी कॉपी- किताब और प्लास्टिक व रबड़ आदि का कचरा डालें।
ऐसे बनायें खाद
घर के पास एक गड्ढा खोदकर उसमें किचन से निकलने वाले गीले कचरे को डाले। जब वह गड्ढा भर जाये, तो उसे बंद करके कुछ दूरी पर दूसरा गड्ढा खोदकर उसमें कचरा डालें। यदि अकेले यह काम नहीं हो पा रहा है, तो आस-पड़ोस से किसी की मदद लें। करीब 15-20 दिनों में उस गड्ढे में डाला गया कचरा ऑर्गेनिक खाद में तब्दील हो जायेगा, जिसका इस्तेमाल आप गार्डनिंग के लिए कर सकते हैं।
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