मुश्किल हालात को आने से कोई रोक नहीं सकता। हां, आप खुद को इससे निपटने के लिये तैयार ज़रूर कर सकते हैं, ताकि जब कठिन वक़्त आये, तो आप धैर्य से उसका सामना कर सके। कठिन परिस्थितियों के लिये खुद को तैयार करने से पहले आपको कुछ छोटे-छोटे काम करने होंगे।
आभार की लिस्ट बनायें
रिसर्च से भी यह बात साबित हो चुकी है कि जो लोग अपनी ज़िंदगी में पॉज़िटिव सोचते हैं या उनके साथ कुछ भी अच्छा करने वालों के प्रति आभार जताते हैं, तो ऐसे लोग स्वस्थ और खुश रहते हैं। वह न सिर्फ अपनी ज़िंदगी से संतुष्ट रहते हैं, बल्कि डिप्रेशन से भी दूर रहते हैं। किसी के प्रति आभार जताने को अपनी आदत में शुमार कर लें और रोज़ रात को सोने से पहले कोई भी तीन ऐसी चीज़ों के बारे में लिखे जिसके प्रति आप आभारी हैं।
मेडिटेशन करें
स्ट्रैस कम करने में यह बहुत मदद करता है। इसके लिए ज़रूरी नहीं कि आप योगा व मेडिटेशन क्लास जॉइन करें। मेडिटेशन के लिये आजकल बहुत से मोबाइल ऐप है, जिसे आप डाउनलोड कर सकते हैं। इसी में ThinkRight.me ऐप है, जो आपको मेडिटेट करने में मदद करेगा।
कसरत के लिये समय निकालें
कसरत आपको फिज़िकली और मेंटली हेल्दी रखता है। हाल ही में हुये एक रिसर्च के मुताबिक, एक्सरसाइज़ से एक खास केमिकल रिलीज़ होता है, जो दिमाग को स्ट्रैस से डील करने में मदद करता है। दरअसल, कसरत तनाव के दौरान शरीर के सभी साइक्लॉजिकल सिस्टम में संवाद स्थापित करने का काम करता है। इससे स्ट्रैस से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता है।
हंसने में कंजूसी न करें
हंसने से मूड अच्छा बनता है और तनाव दूर होता है। लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी में हुए एक रिसर्च के मुताबिक, सिर्फ 20 मिनट तक फनी वीडियो देखने वाले बुज़ुर्गों का स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल बहुत नीचे आ गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, हंसने से तनाव कम होता है।
स्ट्रैस के समय रखें पॉज़िटिव अप्रोच
आमतौर पर सभी स्ट्रैस दूर करने की सलाह देते हैं, लेकिन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता के मुताबिक, तनाव के प्रति पॉज़िटिव अप्रोच आपको मज़बूत और खुश बनाती है। स्ट्रैस के प्रति नेगेटिव सोच के कारण ही कुछ लोग गलत आदतों की ओर चले जाते है, लेकिन यदि इसे पॉज़िटिव तरीके से लिया जाये, तो हम इससे बचने के लिए गलत रास्ता नहीं चुनेंगे।
मुश्किल वक्त में सोच रखें सही
– कठिनाइयों से घबरायें नहीं, धैर्य से काम लें।
– हर चीज़ के प्रति सोच पॉज़िटिव रखें।
– अपना नज़रिया ऐसा रखें कि आपको गिलास आधा खाली नहीं, आधा भरा नज़र आये।
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