अपनी भावनाओं को खुद पर न होने दें हावी

अपनी भावनाओं को खुद पर न होने दें हावी

जो चीज़ें आपके नियंत्रण में नहीं, उन पर काबू पाने की कोशिश बेकार है।
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क्या आपको अपना मन अचानक से भारी-भारी लगने लगता है? क्या आपको लगता है कि आपके ऊपर जो काम और ज़िम्मेदारियां हैं, उन्हें आप निभा नहीं पाएंगे, जबकि आमतौर पर आप उन्हें बखूबी निभा लेते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है, तो घबराइए नहीं, आप अकेले नहीं हैं जिसे ऐसी भावनाओं का सामना करना पड़ता है। अक्सर तेज़ दौड़ती ज़िंदगी के साथ कदम मिलाने की वजह से आप खुद के लिए समय निकालना भूल जाते हैं। खुद ही भूल जाते हैं कि व्यक्ति को आराम की भी ज़रूरत होती है, फिर चाहे वो शारीरिक आराम हो या मानसिक। याद रखिए की हर व्यक्ति की काम करने की अपनी सीमा होती है। खुद को खुद से कंपीट करें दूसरों से नहीं और आगे बढ़ते रहें।

कैसे अपनी भावनाओं को खुद पर हावी होने से रोके

अगर आप पढ़ाई, काम, घर संभालते हुए, बच्चों को पालते हुए, कुछ नई स्किल/कौशल सीखते हुए थक जाते हैं, जिससे आपके अंदर गुस्सा, चिड़चिड़ाहट, लाचारता, परेशानी आदि जैसी भावनाएं आती हैं, तो आप नीचे बताई गई बातों को ध्यान में रख कर, उन पर अमल कर के खुद की भावनाओं पर काबू पा सकते हैं, और एक बार फिर दौड़ के लिए तैयार हो सकते हैं।

पॉज़िटिव सोच की तरफ अपना ध्यान केंद्रित करे

चाहे कैसी भी परिस्थिति हो अपनी सोच को सकारात्मक रखें। किसी परेशानी में फंसने के बाद रोने, घबराने की बजाय उससे निकलने के विकल्प सोचें।

गहरी सांस लें

स्ट्रैस होने पर आप छोटी-छोटी सांस लेने लगते हैं, आपके शरीर का ऊपरी भाग आगे को झुकने लगता है और शरीर में अकड़न होने लगती है। गहरी सांस लें, सीधे बैठें, मुस्कुराएं और शरीर को ढीला छोड़ें।

अपने आज पर ध्यान दें

एक बार आप अपनी सांस और शरीर की मुद्रा पर काबू पा लें, तो खुद से पूछें की ऐसी कौन सी चीज़ है, जो आपके नियंत्रण में है, उस पर काम करना शुरू कर दें।

जो आपके नियंत्रण से बाहर हो, उसे जाने दें

यदि आप अपनी स्थिति के बारे में कुछ कर सकते हैं, तो ध्यान केंद्रित करें और उस पर काम करें। हालांकि, यदि आपने वह सब कर लिया है जो आप कर सकते थे और अभी परिणाम का इंतज़ार कर रहे हैं, या फिर आप किसी ऐसी चीज़ के बारे में चिंतित हैं, जिस पर आपका कोई नियंत्रण नहीं है, तो आपको समझना होगा कि इससे कोई फायदा नहीं होगा। जब कुछ करने का समय था वह जा चुका है और आपने वो सब किया जो आप कर सकते थे। इसलिए अब आप आराम कर सकते हैं और परिणाम आने तक इस पल का आनंद ले सकते हैं।

खुद को दोष देना बंद करें

अगर अपनी भावनाओं पर काबू पाना है, तो खुद की तुलना दूसरों से न करें और न ही खुद को किसी भी चीज़ का दोषी माने। हर दिन खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करें अपनी प्राथमिकताओं को पहचाने।

अगर आप खुद पर भरोसा रखेंगे, तो कभी भी कोई नकारात्मक भवना आपके ऊपर हावी नहीं हो सकती, अगर होगी भी तो एक बार फिर आप ऊपर बताई गई बातों पर अमल कर के अपने जीवन को अपने निंयत्रण में ला सकते हैं।

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