मां के नाम एक खत…
प्यारी मां, आज न जाने क्यों बार-बार तुम्हारी याद आ रही है और मेरे ज़ेहन में एक शेर ताज़ा हो रहा है। “एक दुनिया है, जो समझाने से भी नहीं समझती, एक माँ थी, बिन बोले सब समझ जाती थी।” सचमुच मां तुम तो बिना कहे ही मेरे चेहरे का भाव पढ़ लेती थी, कब मैं मायूस हूं, कब उलझन में और कब खुश, लेकिन तुम्हारे अलावा मुझे कोई और समझ नहीं पाया। आज कई दिनों से मैं परेशान हूं – ऑफिस और घर दोनों की टेंशन लेकर, लेकिन घर पर किसी ने भी पूछा कि क्यों परेशान हो, क्या […]