परिवार के साथ सफर बन जाता है सुहाना

परिवार के साथ सफर बन जाता है सुहाना

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यात्रा के बहुत फायदे हैं, खासतौर पर बच्चों के लिए। शायद इसलिए अमेरिका का एक दंपत्ति अपने तीन बच्चों के साथ दुनिया की सैर पर निकला है। सराह और जर्मेन को लगा कि बच्चों के सीखने की क्षमता, जीवन कौशल और अन्य गुणों के विकास के लिए उन्हें व्यापक दायरा चाहिए और इसके लिए वर्ल्ड टूर से अच्छा विकल्प भला और क्या हो सकता है!

पढ़ाने का शानदार तरीका

अमेरिका का यह दंपत्ति दो ऑनलाइन बिज़नेस करता है। एक ऑटोमेशन क्लिनिक जो मार्केटिंग कंस्लटिंग फर्म है और दूसरा हियर एंड प्ले जो ऑनलाइन इंस्ट्रूमेंटल म्यूज़िक कंपनी हैं। सारा और जर्मेन हमेशा इस बात पर यकीन करते रहे हैं कि पूरी दुनिया में सीखने के लिए बहुत कुछ है। अपने इसी विश्वास के चलते वह अपने बच्चों के साथ दुनिया की सैर करने निकल गये और साथ ही उन्हें वर्ल्ड स्कूलिंग करवाने। कपल के तीनों बच्चे स्कूल जाने वाले हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए दंपत्ति ऑनलाइन कोर्स का भी सहारा ले रहे हैं।

यात्रा के फायदे

यात्रा जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को जोड़ती है जैसे- आनंद, सीखना, जुड़ाव, संस्कृति, आत्मनिर्भरता, ज़िम्मेदारी, स्वीकारना, खोज आदि।

मज़बूत पारिवारिक रिश्ते

जब माता-पिता दोनों कामकाजी हो, तो परिवार को साथ समय बिताने का मौका नहीं मिलता। बच्चों के बड़े होने पर वह भी पढ़ाई और एक्स्ट्रा एक्टिविटी में बिज़ी हो जाते हैं। ऐसे में परिवार के साथ सफर के दौरान उनके बीच रिश्ता मज़बूत होता है। यात्रा के बहाने उन्हें साथ समय बिताने का मौका मिलता है।

परिवार के साथ सफर बन जाता है सुहाना
दुनिया को देखकर सीखते है बच्चे  | इमेज: फाइल इमेज

एडजस्ट करना सीखते हैं

वर्तमान दौर में समय के साथ संतुलन बनाना ज़रूरी है। यात्रा करने से इंसान की परिस्थितियों के साथ सामंजस्य बिठाने की क्षमता बढ़ती है उनके व्यक्तित्व में भी लचीलापन आता है।

जिज्ञासु और साहसी बनते हैं

पांच से नौ साल की उम्र के बच्चे बहुत जिज्ञासु होते हैं। नई जगह पर जाने से उनकी जिज्ञासा और बढ़ती हैं। साथ ही रोमांच की भावना उन्हें और रोमांचित करती है। इससे आगे चलकर वह जीवन में जोखिम उठाने से नहीं डरेंगे और साथ ही वह दुनिया की अलग-अलग संस्कृतियों से परिचित होते हैं।

आत्मनिर्भर और ज़िम्मेदारी की भावना

यात्रा शुरू करने से पहले अपना सामान खुद पैक करने से ही बच्चों में आत्मनिर्भरता की भावना आती है। साथ ही यात्रा के दौरान अपने सामान का ध्यान रखना उन्हें ज़िम्मेदार बनाता है।

पूरी दुनिया क्लासरूम बन जाती है

सफर उन्हें क्लासरूम की पढ़ाई से अलग सीखने की एक अलग दुनिया में लेकर जाता है, जहां स्कूल की चारदीवारी नहीं होती, बल्कि पूरी दुनिया ही क्लासरूम होती है। प्रकृति उनकी साइंस टीचर, ऐतिहासिक जगहें हिस्ट्री और सोशल स्टडी टीचर, मैप, कॉम्पास, जर्नल आदि उनके ज्योग्राफी टीचर बन जाते हैं।

बच्चों के साथ ही यात्रा से बड़ों को भी फायदा होता है। वह चीज़ों को अलग तरह से देखते और अनुभव करते हैं। साथ ही अपने बचपन को एक बार फिर से जी लेते हैं।

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