पंजाब का ईमानदार पुत्तर

पंजाब का ईमानदार पुत्तर

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ज़्यादातर लोगों का सपना होता है कि वह ऐसे मुकाम पर पहुंचे, जहां ताकत उनकी मुठ्ठी में हो। इस ताकत के दम पर वह अपने और अपनों के लिए हर सुख सुविधाओं का इंतज़ाम कर देते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए पावर का मतलब एक ऐसा अवसर है, जिसके ज़रिए वह अपने समाज के लिए कुछ कर सकें। पंजाब सिविल सर्विसिस में काहन सिंह पन्नू एक ऐसे ही अफसर हैं, जो पंजाब में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं।

कौन हैं काहन सिंह पन्नू?

देश के ईमानदार अफसरों में से एक हैं ‘काहन सिंह पन्नू’, जो साल 1990 में पंजाब सिविल सर्विसिस के अफसर बने और साल 1996 में आईएएस के पद पर प्रमोट कर दिए गए। हर तरफ उनकी ईमानदारी और निडरता की तारीफ होती है। कैसी भी परिस्थिति हो, पन्नू यह सुनिश्चित करते हैं कि नियमों का सही तरीके से पालन हो। अभी पन्नू पंजाब पोल्युशन बोर्ड के चेयरमैन हैं और राज्य में क्रॉप बर्निंग की समस्या पर काम कर रहे हैं।

क्या है क्रॉप बर्निंग

धान की फसल काटने के बाद मिट्टी में जो शेष बच जाते हैं उनको किसान जला देते हैं, जिससे सर्दियों की फसल बोई जा सके। फसल जलाने का काम पंजाब और हरियाण दोनों ही राज्यों में होता है और उसका असर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को भुगतना पड़ता हैं। सर्दियों में, खासतौर से अक्तूबर-नवंबर में दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ जाता है कि वह हवा सांस लेने के लिए खतरनाक हो जाती है। हालांकि पन्नू दिल्ली के प्रदूषण को क्रॉप बर्निग से जोड़कर नहीं देखते लेकिन वह इस बात से भी इंकार नहीं करते कि पैडी को जलाने से प्रकृति पर बुरा असर पड़ता है।

इमेजः इंडियन एक्सप्रेस

कई सख्त कदम उठाए

पन्नू ने जसदीप कौर चड्ढा पर पांच करोड़ रूपये का कड़ा जुर्माना लगाया। काफी पावरफुल रूतबा रखने वाली चड्ढा की चीनी कंपनी से ब्यास नदी में दस हज़ार लीटर मोलेसिस छोड़ा गया था, जिसके लिए उन्हें दंडित किया गया। ऐसा दंड शायद पंजाब के किसी भी उद्योग पर नहीं लगा होगा।

पानी की समस्या पर भी किया काम 

ऐसा पहली बार नहीं है कि पन्नू ने पानी की समस्या के लिए काम किया हो। इससे पहले जब वह एग्रिकल्चर सेक्रेटरी थे, तब उन्होंने भूजल के स्तर को और नीचे जाने से बचाया था। किसान धान बोते थे जिसकी सिंचाई के लिए उन्हें पानी की ज़रूरत होती थी। बारिश से पहले खेती के लिए पानी इस्तेमाल करने से पानी का स्तर और नीचे चला जाता था इसलिए उन्होंने फसल उगाने की एक तारीख तय कर दी जिससे पहले अगर कोई भी किसान फसल बोएगा तो उसे जुर्माना देना पड़ेगा। इस कदम का किसानों ने खूब विरोध किया लेकिन पन्नू डटे रहे।

पंजाब को साफ हवा, पानी और मिलावट रहित खाना और दूध उपलब्ध करवाने के लिए, पन्नू सरकार के ‘तंदुरूस्त पंजाब’ प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि पन्नू जैसे अफसर सारे देश के पास हो, जिससे सिर्फ पंजाब ही नहीं पूरा देश तंदुरूस्त हो जाए। सरकार और अफसरों के साथ-साथ यह नागरिकों की भी ज़िम्मेदारी बनती है कि अपने देश और समाज के लिए कुछ करें।

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