मेड इन इंडिया

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किसी भी चीज़ को सीखना या नई खोज से उसे सुधारना, ये दोनों चीज़ें साथ-साथ चलती हैं। गलती तब होती है, जब आप सफलता हासिल करने के बाद यह सोचते हैं कि आज का इनोवेशन आने वाले कल के लिए काफी है। समय बदलता है और अपने साथ नई सोच लाता है और अगर सोच नई होती है, तो ज़रूरतें भी बदल जाती हैं। इसलिए नए बिज़नेस को प्रोत्साहित करने और सही दिशा दिखाने के लिए आइक्रिएट का जन्म हुआ।

क्या है आइक्रिएट?

‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड टेक्नोलॉजी’ यानि ‘आइक्रिएट’ अहमदाबाद में एक इंडिपेंडेंट सेंटर है, जहां अलग हटकर सोचने वाले लोगों को अपना बिज़नेस शुरू करने के लिए सही दिशा दिखाई जाती हैं। यहां चार हफ्तों से लेकर दो साल के प्रोग्राम चलाए जाते हैं, जिसके दौरान इंक्युबेटर्स यानि विद्यार्थियों को फंडिंग, मेंटरशिप, मार्किट एक्सेस और फिज़िकल इंफ्रास्ट्रकचर की सुविधाएं उपल्ब्ध कराई जाती हैं। भारत सरकार की ‘स्टार्ट अप इंडिया’ स्कीम को बढ़ावा देता है, आइक्रिएट।

आइक्रिएट ने अभी तक जिन एंटरप्रइज़िज़ को गाइड किया हैं, उनमें से कुछ हैं :

एथर बायोमेडिकल

सफदरजंग अस्पताल के तीन छात्रों ने मिलकर दिल्ली में साल 2016 में एथर बायोमेडिकल शुरू किया। एथर मेडिकल मायोइलेक्ट्रिक प्रोस्थेटिक आर्म को कम दाम में बनाने की कोशिश कर रहा है, जिससे कमज़ोर वर्ग के लोग इसका फायदा उठा सकें। यह टीम उन लोगों के लिए प्रोस्थेटिक्स बना चुकी है, जिनकी अंगुलियां या कलई के जॉइंट नहीं हैं।

इमेजः फाइल इमेज

पल्स प्रोग्नोसिस 

आयुर्वेद के सिद्धांतो पर आधारित एक ‘हेल्थ ट्रैकिंग बैंड’ बनाने के लिए अहमदाबाद की एक एंटरप्राइस ‘पल्स प्रोग्नोसिस’, साल 2017 से काम कर रही है। इस बैंड को पहने से आपकी नब्ज़ के ज़रिए जो डाटा मिलेगा, उसे एक स्टैंडर्ड डाटा से कम्पेयर किया जाएगा, जो एक स्वस्थ शरीर और बीमारी ग्रस्त शरीर के बीच का फर्क बता देगा।

पल्स प्रोग्नोसिस अभी आइक्रिएट के इंक्युबेशन में है और इसकी फांउडर काजल श्रीवास्तव को इस साल ‘वुमेन इकोनोमिक फोरम’ में ‘यंग लीडर एंड इनोवेटर अवार्ड’ मिला।

बॉयोस्कैन रिसर्च

अहमदाबाद के एंटरप्राइस ‘बॉयोस्कैन रिसर्च’ की शुरुआत साल 2013 में हुई। यह डिवाइस सड़क दुर्घटना, गिरने, हिंसा या किसी दूसरे कारण से दिमाग में लगी चोट (टीबीआई) का शुरुआत में ही पता लगाने में मददगार है। शिल्पा मलिक के नेतृत्व में, बायोस्कैन रिसर्च ने इंट्राक्रैनियल रक्तस्राव की तुरंत स्क्रीनिंग के लिए नॉन इंवेसिव, पोर्टेबल ऑन-साइट डिटेक्शन टूल्स विकसित किए हैं। इसकी मदद से बिना वक्त गंवाए, चोट की गंभीरता का पता लगाया जा सकता है, जिससे पेशेंट का तुरंत इलाज किया जा सकता है।

हर व्यक्ति के अंदर एक अद्भुत सोच होती, बस ज़रूरी होता है तो उसे सही राह दिखाना। कुछ लोगों के अंदर अलग सोच के साथ कुछ अलग करने का ज़्जबा भी होता है, जिनके लिए आइक्रिएट जैसे संस्थान मार्गदर्शक बन जाते हैं।

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