आज हम अस्थमा को कंट्रोल करने के बारे में बात करने जा रहे हैं, लेकिन उससे पहले यह जानना ज़रूरी है कि अस्थमा आखिर है क्या और किन कारणों से बढ़ता है।
क्या है अस्थमा ?
यह एक तरह की ब्रॉक्स एलर्जी है, जिसमें पेशेंट का ब्रॉकाई किसी फॉरेन पार्टिकल की वजह से सिकुड़ जाता है। ऐसा होने पर अकसर पेशेंट की छाती के पास से घरघराहट की आवाज़ें आती हैं, ज़ोरदार खांसी होती है और दम घुंटने जैसा महसूस होता है। अस्थमेटिक अटैक आने पर पेशेंट को सांस लेने में परेशानी महसूस होती है और अगर ज़्यादा देर तक शरीर में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, तो ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी पेशेंट के लिए जानलेवा बन सकती है।
अस्थमा की कैटेगरी
- एलर्जिक अस्थमा – यह खासतौर से बच्चों में पाया जाता है, जिसमें कुछ केस एक जनरेशन से दूसरे जनरेशन में ट्रांसफर होते है। पेशेंट या उसके किसी फैमिली मेंबर को एक्ज़ेमा जैसी दूसरी एलर्जी भी हो सकती है।
- एंडोजेनस अस्थमा – यह बड़े लोगों को बैक्टीरिया या वायरस की वजह से होता है और आमतौर पर यह जनरेशन टू जनरेशन या अन्य किसी एलर्जी की वजह से नहीं होता।
किन कारणों से उभरता है अस्थमा ?
– डस्ट, पालतू जानवरों के बाल या उनकी पॉटी, पौधों में मौजूद पौलंस।
-हवा मे मौजूद प्रदूषण, सिगरेट स्मोक, कंस्ट्रक्शन साइट पर उड़ती धूल-मिट्टी।
-चाहे प्राकृतिक ठंडी हवा हो या फिर कमरे में चलने वाले एसी की ठंडी हवा।
-कोई भी खाना या दवाई एलर्जी का कारण बन सकता हैं।
-रेस्पेरेट्री ट्रैक्ट में इंफेक्शन की वजह से समस्या हो सकती है।
-अनहेल्दी लाइफस्टाइल, चिंता या डिप्रेशन, हार्ड एक्सरसाइज़ या फिज़िकल काम करने से।
जानिये कैसे कंट्रोल किया जा सकता है अस्थमा ?
–अस्थमा को मैनेज किया जा सकता है, जिससे आप एक नॉर्मल लाइफ जी सकें। अगर ऐसा नहीं है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लीजिये।
-इसमें लंग्स तक जाने वाले एयर-वे में सूजन हो जाती है और यह हर समय रहती है, तब भी जब आप नॉर्मल महसूस कर रहे हो। ऐसे में अपनी मेडिकेशन का ध्यान रखें और जिन चीज़ों से आपकी परेशानी बढ़ती है, उससे दूर रहें।
-अस्थमा को हमेशा के लिए ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन इस पर बराबर ध्यान रखकर कंट्रोल किया जा सकता है। इसलिये आपको अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना बेहद ज़रूरी है।
इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख कर आप अपने अस्थमा के ऊपर काबू पा सकते हैं और खुल कर सांस ले सकते हैं।
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