ऐसा अक्सर होता है कि काम, घर या ज़िंदगी के अन्य पहलूओं के बारे में सोचकर हम परेशान होने लगते है लेकिन अगर हम परेशान होने की बजाय अपनी कोशिश के दायरे को बढ़ा देंगे, तो आपकी मुश्किलें जल्दी हल हो जाएंगी। जहां एक तरफ आपको कोशिश करते रहना है, वहीं दूसरी ओर आपको इन बातों का पालन करना है, जो आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ का खयाल रखेंगी।
कसरत करें
तनाव कम करने के लिए व्यायाम सबसे ज़रूरी चीज़ है। अब आप सोचेगे कि कसरत करने से स्ट्रैस कैसे कम होगा? तो आपको जानकर हैरानी होगी कि शरीर पर व्यायाम के ज़रिए ज़ोर डालने से मानसिक तनाव में आराम मिलता है। व्यायाम करने से तनाव पैदा करने वाला हार्मोन जैसे ‘कॉर्टिसोल’ धीरे-धीरे कम होने लगता है और खुश रखने वाले हार्मोन ‘एंडोर्फिन’ रिलीज़ होते है। कसरत करने के साथ आपको अपनी नींद पर भी ध्यान देना चाहिए। नींद पूरी होने से स्ट्रेस कम होता है।
कैफीन पदार्थ कम लें
कैफीन एक ऐसा पदार्थ है, जो आपकी रोज़ की ड्रिंक्स जैसे कॉफी, चाय, चॉकलेट या एनर्जी ड्रिंक्स में पाया जाता है। हर व्यक्ति के अंदर कैफीन के लिए अलग-अलग क्षमता होती है। अगर आपको लगे कि चाय-कॉफी के ज़्यादा इस्तेमाल से आपको चिड़चिड़ापन महसूस होता है, तो इनका सेवन कम करने की कोशिश करें। हालांकि कुछ स्टडीज़ के मुताबिक लिमिट में कॉफी पीना आपके लिए स्वास्थयवर्धक हो सकती है।
अपने परिवार और मित्रों के साथ समय बिताएं
तनावग्रस्त समय में परिवार और दौस्तों का साथ एक रामबाण दवा की तरह काम कर सकता है। दोस्तों के साथ रहने से आपको अपनी अहमियत पता चल सकती है, जो आपको आत्मविश्वास से भर देगी। मित्रों और बच्चों के साथ समय बिताने से ऑक्सीटोसिन नाम का हार्मोन रिलीज़ होता है, जो एक तरीके का स्ट्रैस कम करने में मदद करता है।
हंसिए-मुस्कुराइए
आमतौर पर जब आप हंसते हैं, तो कुछ देर के लिए तनाव से बाहर आ जाते हैं। हंसने से आपकी तनाव प्रतिक्रिया को राहत मिलती है और आपकी मांसपेशियों को भी आराम मिलता है।
लंबे समय तक खुश रहने से आपके इम्यून सिस्टम में भी सुधार आता है। कैंसर पीड़ित लोगों पर की गई एक स्टडी के अनुसार हंसने वाले लोगों में तनाव कम पाया गया जाता है।
योगाभ्यास करें
आज कल योगा कसरत और स्ट्रैस कम करने का सबसे अच्छा माध्यम बन गया है। हर उम्र के लोग इसका पालन कर रहे हैं। हालांकि योगा करने के कई अलग तरीके हैं, लेकिन सबका उद्देश्य एक ही है – तन और मन की एकाग्रता।
हालांकि काम के दौरान या निजी जीवन में तनाव आता-जाता रहता है, लेकिन आपको हर बार उसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ना है क्योंकि ज़िंदगी आगे बढ़ने का ही तो नाम है।
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