फरवरी खत्म होते-होते, बच्चों को एग्ज़ामिनेशन फीवर चढ़ने लगता है, क्योंकि आने वाले महीने के साथ ही स्कूल के छात्रों की सालाना परीक्षा शुरु हो जाती है। ऐसे में बेहतर प्रदर्शन करने और माता-पिता या टीचरों की उम्मीद पर खरे उतरने की चाह के कारण बच्चों में एग्ज़ाम्स को लेकर स्ट्रैस होने लगता है। हालांकि थोड़ा बहुत स्ट्रैस, प्रतियोगिता की भावना के लिए अच्छा होता है, लेकिन एग्ज़ाम्स के बारे में ज़रूरत से ज़्यादा चिंता करना बच्चों के शारीरिक और मानसिक संतुलन के लिए खतरनाक हो सकता है।
स्ट्रैस से होने वाली परेशानियां
– शारीरिक – मांसपेशी का खिंचाव, खट्टी डकार आना, नींद की दिक्कत, दिल की धड़कने तेज़ होना, बेचैनी महसूस होना, भूख में बदलाव, कब्ज या दस्त, पीठ दर्द आदि।
– मानसिक – प्रेशर में निराशा और नेगेटिव होना, तनाव महसूस करना और आराम करने में असमर्थ होना, अचानक से उदास, डर महसूस होना या चिड़चिड़ा होना, किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित न कर पाना।
इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने बच्चे को स्ट्रैस फ्री एग्ज़ाम देने में मदद कर सकते हैं। आप सभी को ‘हैप्पी एग्ज़ामिनेशन’।
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