पंजाब के शहर जलंधर में रह रहे अनुराग अरोड़ा को भी हर किसी की तरह उस जगह से प्यार है, जहां उनका बचपन बीता लेकिन जिस तरह ड्रग्स ने पंजाब के युवाओं को जकड़ रखा है, इससे वह काफी मायूस होते थे। वह कुछ ऐसा करना चाहते थे जिससे समाज की सोच में परिवर्तन आए, कुछ ऐसा जो बच्चों की नींव मज़बूती से तैयार कर सके। अनुराग दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स से पढ़ाई पूरी कर के ट्राईडेंट इंडिया के लिए बतौर एच.आर हेड काम कर रहे थे, जब उनके मन में एक स्टार्टअप का विचार आया। फिर उन्होंने नौकरी छोड़कर साल 2017 में अपनी सारी जमापूंजी के साथ मिंक इंडिया शुरू किया।
क्या है मिंक इंडिया की सोच
किसी भी देश का विकास उसके युवाओं पर निर्भर करता है और युवाओं को ताकत स्वस्थ शरीर, तेज़ दिमाग और सही ज्ञान से मिलती है और इसलिए मिंक इंडिया ने कृषि और शिक्षा की दिशा में कुछ कदम बढ़ाए हैं। ज़ाहिर है कि ये दोनों क्षेत्र एक दूसरे से अलग लगते हैं लेकिन देश के विकास में इन दोनों का बहुत बड़ा योगदान है। जहां एक क्षेत्र लोगों को स्वच्छ खानपान की अहमियत सिखाएगा, वहीं दूसरा क्षेत्र रोज़गार के मौके पैदा करेगा।
मिंक ऑर्गेनिक्स
यह वर्टिकल सब्ज़ियों की रूफटॉप ऑर्गेनिक फार्मिंग पर फोकस करता है, साथ ही कंसल्टेंसी सर्विस और स्कूल के बच्चों को इंटर्नशिप करवाता है। मिंक ऑर्गेनिक्स बिना मिट्टी के वर्मी-कंपोस्ट माध्यम से खेती करता है, जहां पर सब्ज़ियां (गाजर, प्याज़, ब्रोकली, अलफाफा, बंद-गोभी इत्यादि), गेहूं, मशरूम, स्प्राउट्स जैसे 12 उत्पादों को जलंधर के 25 काउंटरों के साथ-साथ ऑनलाइन भी बेचा जाता है। मिंक के कंसल्टेंट्स लोगों को टेरेस गार्डन सेट करने में मदद करते हैं और टमाटर, शिमला मिर्च, घिया, गाजर इत्यादि उगाना सिखाते हैं, जिससे वह पेस्टिसाइड्स से हो रहे शरीर के नुकसान से बच सकें।
मिंक अकेडमिक्स
बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए मिंक कई तरह की ट्रेनिंग उपलब्ध कराता है। बच्चों के मेंटल एप्टीट्यूड, स्कोलास्टिक एप्टीट्यूड और लैंगवेज कॉम्प्रीहेंशन की तैयारी करवाकर नेशनल टैलेंट सर्च एग्ज़ामिनेशन, नेशनल फाइनेशियल लिट्रेसी जैसे टेस्ट के लिए ट्रेन करवाता है। इसके साथ ही हैंडराइटिंग बेहतर करने के लिए भी क्लासेस होती हैं। आज मिंक के सेंटर पर अकेडमिक्स के 8 कोर्स चलाए जाते हैं, जहां कम से कम 60 विद्यार्थी ट्रेनिंग लेने आते हैं।
अनुराग और मिंक इंडिया का सपना है कि जिस तरह जापान में बच्चों को बचपन से ही अनुशासन सिखाया जाता है, उसी तरह हमारे देश में बचपन से ही बच्चों को कृषि के बारे में सिखाना अनिवार्य हो जाए।
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