‘आवश्यकता अविष्कार की जननी है।’ यह बात सौ फीसदी सच है। इंसान को जब किसी चीज़ की ज़रूरत पड़ती है, तभी वह उसे पाने या बनाने के लिये अपना दिमाग दौड़ाता है। कुछ ऐसा ही किया है, झारखंड के हज़ारीबाग जिले के महेश करमाली ने। करमाली ने कबाड़ स्कूटर से ट्रैक्टर की तरह काम करने वाली छोटी सी मशीन बनाकर सबको हैरान कर दिया।
पांचवी पास हैं महेश
हज़ारीबाग जिले के विष्णुघर इलाके के रहने वाले महेश करमाली कोई इंजीनियर नहीं है और न ही उनके पास कोई टेक्निकल डिग्री है बावजूद इसके इन्होंने खेत जोतने के लिए एक अनोखी मशीन बनाई है। सिर्फ 5वीं क्लास तक पढ़े महेश इस साल जनवरी तक पुणे के एक ऑटो शोरूम में काम करते थे, लेकिन अचानक आई आर्थिक तंगी ने उन्हें एक मामूली इंसान से आविष्कारक बना दिया। दरअसल, महेश की गैरमौजूदगी में उनके भाई ने खेत जोतने वाले बैलों को बेच दिया। इस बात का पता चलने पर महेश ने घर लौटकर खेत जोतने के लिये कुछ जुगाड़ करने की सोची।
पैसों की तंगी ने बनाया आविष्कारक
चूंकि महेश के पास बैल खरीदने के पैसे नहीं थे, इसलिये वह पुराने स्कूटर का इंजन और कुछ पार्ट्स लेकर आयें। फिर इसी से ट्रैक्टर की तरह की एक मशीन बनाई, जिससे वह अपने खेतों को जोतते हैं। हालांकि इसमें मशीन के साथ खुद उन्हें भी चलना पड़ता है, महेश ने इस मशीन को नाम दिया है पावर टिलर। इस अनोखी मशीन को बनाने में महेश को तीन दिन और तीन रात का समय लगा था। 12 कट्ठा जमीन को जोतने में 2.5 लीटर पेट्रोल खर्च होता है, जो ट्रैक्टर से काफी कम हैं यानी यह मशीन बहुत किफायती है।
बेहतर मशीन बना सकते हैं
महेश का कहना है कि वह इस मशीन से भी बड़ी और बेहतर मशीन बना सकते हैं, जिसमें ट्रैक्टर की तरह ही बैठकर खेत जोता जा सकता है। साथ ही मशीन में थोड़े और बदलाव करके उससे फसल और घास भी काटी जा सकती है। यदि ऐसा हुआ तो यकीनन किसानों को कम लागत में अच्छी मशीनें मिल सकती है, मगर महेश को फिलहाल अपने हुनर का इस्तेमाल करने के लिए किसी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिली है। महेश का जुगाड़ वाला यह मिनी ट्रैक्टर वाकई कमाल का है। यदि उनकी तरह ही बाकी लोग इसी तरह बेकार की चीज़ों को इतने क्रिएटिव तरीके से इस्तेमाल करने लगे, तो यकीनन सबकी ज़िंदगी बेहतर बन जायेगी।
करें चीज़ों का सही इस्तेमाल
– कोई भी चीज़ थोड़ी पुरानी होने या खराब होने पर फेंकने की बजाय उनका रियूज़ करना सीखिये।
– प्लास्टिक के बहुत से ऐसे सामान है, जिनका रियूज़ किया जा सकता है जैसे बोतल को गमले में तब्दील कर सकते हैं।
– रियूज़ से जहां आपको नई चीज़ मिलती हैं, वहीं कचरा भी कम फैलता है।
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