अक्सर जब मुश्किल हालात होते हैं, तब हम घबराकर धीरे-धीरे अपनी सारी पॉज़िटिविटी खोने लगते हैं, लेकिन यही वह समय होता है, जब व्यक्ति को धीरज रखना चाहिये और अपनी सकारात्मक सोच को बनाये रखना चाहिये। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि पॉज़िटिव अप्रोच रखने से आप किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं।
क्या कहती है कहानी?
एक राजा की एक आंख और एक पैर नहीं था, लेकिन वह बुद्धिवान था। शारीरिक रूप से ठीक न होने के बावजूद वह बहुत खुश रहता था। उसकी खुशमिजाज़ी के कारण उसकी प्रजा भी बेहद सुकून से रहती थी। एक बार राजा जब राजमहल की गली से गुज़र रहा था, तो उसने अपने पूर्वजों के चित्र देखें। उनको देख कर राजा के मन में आया कि जिस तरह से वह अपने पूर्वजों के महान चित्र देख कर बड़ा हुआ है, उसी तरह उसके वंशज उसे भी देखें।
लेकिन वह नहीं चाहता था कि तस्वीर में उसकी विकलांग्ता नज़र आये, इसलिये उसने कई चित्रकारों को बुलवाया और अपनी ऐसी तस्वीर बनाने को कहा जिसमें उसके शरीर की कमियां नज़र न आयें। ज़्यादातर चित्रकार ऐसा कोई तरीका सोच ही नहीं पा रहे थे, इसलिये उन्होंने राजा से माफी मांग ली।
कैसे बना चित्र?
राजमहल में सिर्फ एक ही चित्रकार ने कहा कि वह कोशिश करना चाहता है। जब उसने राजा को चित्र बनाकर दिखाया तो वह बहुत खुश हो गया। चित्रकार ने तस्वीर में राजा को एक घोड़े पर सवार हुये बनाया था और राजा के पैर वाली साइड दिखाई थी। साथ ही उसने राजा को एक धनुष से निशाना लगाते हुए चित्रित किया था, जिसमें राजा ने एक आंख बंद कर रखी थी। उस चित्र की प्रशंसा करते हुये राजा ने उस चित्रकार को बहुत सारा सोना इनाम में दिया।
सीख
यह कहानी बताती है कि किस तरह उस चित्रकार की तरह आप पॉज़िटिव सोच रखकर न केवल परिस्थिति बल्कि लोगों के दिल भी जीत सकते हैं।
जीवन में सकारात्मक रहना है तो ‘कदम उठाएं सही’
– अपनी कमियों से भागे नहीं, उनको अपनाएं।
– एक बार आप अपनी कमियों को समझ जायेंगे, तभी उनको ठीक कर सकेंगे।
– याद रखें कि हर परिस्थिति अपने साथ कुछ अच्छा लाती है, कोशिश ज़रूर करें।
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