ज़्यादातर लोग अपनी नॉलेज का इस्तेमाल खुद की बेहतरी के लिये करते है, लेकिन कुछ लोग समाज की भलाई का भी सोचते है। ऐसी ही एक शख्स हैं, रूबल नेगी। इनके प्रयासों ने मुंबई की झुग्गी बस्तियों की तस्वीर ही बदल डाली।
स्लम या झुग्गी बस्ती सुनते ही आमतौर पर मन में गंदी और बेरंग झोपड़ियों का ख्याल आता है, लेकिन झुग्गी की इस तस्वीर को बदल दिया है कलाकार, मूर्तिकार और समाजसेवी रूबल नेगी ने। मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों को इन्होंने अपनी कला से नया रंग दिया है। साफ-सुथरा और रंग-बिरंगा घर, भला किसे अच्छा नहीं लगता।
मिसाल मुंबई
रूबल ने झुग्गियों को अपनी कला और रंगों से सजाकर मुंबई को और खूबसूरत बना दिया है। अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी समझते हुए उन्होंने जनवरी 2018 से मिसाल मुंबई अभियान चलाया, जिसके तहत उनकी टीम ने झुग्गी बस्तियों में करीब 46,000 घरों को खूबसूरत रंगों से रंग दिया और दीवारों पर खूबसूरत तस्वीरें उकेरी गयी हैं। रुबल अब तक महाराष्ट्र के करीब 30 स्लम और गांवों की तस्वीर बदल चुकी हैं। बदले रंगरूप से पयर्टकों की सोच भी इन इलाकों को लेकर बदली है, क्योंकि अब स्लम एरिया गंदे नहीं रह गए।
उठाई पढ़ाई की भी जिम्मेदारी
रूबल नेगी की संस्था रूबल नेगी आर्ट फाउंडेशन कला के जरिए शहर को सुंदर बना रही है और लोगों को जागरुक कर रही है। इसी के साथ रूबल ने गरीब बच्चों को शिक्षित करने की भी पहल की है। 15 सालों में 800 मूर्तियां और पेंटिंग बना चुकी रूबल 62 बालवाड़ी भी चलाती हैं ताकि बच्चों को बुनियादी शिक्षा दी जा सके। उनकी संस्था पूरे देश में बच्चों के लिए आर्ट वर्कशॉप का आयोजन करती हैं। रूबल चाहती है कि देश का हर नागरिक शिक्षित हो।
हुनर का सही इस्तेमाल
दुनिया में बहुत से लोग काबिल है, लेकिन जो काबिलियत दूसरों के काम न आये, भला वो किस काम की। रुबल ने अपने हुनर से सैकड़ों लोगों की ज़िंदगी संवारी और लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाई है और इसे ही कहते है हुनर का सही इस्तेमाल करना। रूबल को उनके काम के लिए कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं।
रूबल की तरह यदि हर कोई अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी समझते हुए अपनी क्षमता के अनुसार गरीब और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों की कुछ मदद करे, तो यकीनन जल्दी ही असमानता की खाई कम हो जायेगी।
इमेज: सी एन बी सी
और भी पढ़े: गहराई से पढ़ोगे, बेहतर लिखोगे
अब आप हमारे साथ फेसबुक पर भी जुड़िए।