हर दूसरे दिन एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिये हवाई सफर तो श्रवण के लिये जैसे रोज़मर्रा का काम ही हो गया था। आज उसे काफी थकान महसूस हो रही थी, तो उसने सोचकर रखा था कि सीट पर बैठते ही सो जायेगा, लेकिन उसे क्या पता था कि यह उड़ान उसकी ज़िंदगी की सबसे बेहतरीन उड़ान होने वाली है।
दरअसल, जैसे ही श्रवण अपनी सीट पर बैठा, तो उसने नोटिस किया कि विंडो सीट पर एक सफल बिज़नेसमैन बैठे है, जो शायद अपने लैपटॉप पर कुछ काम कर रहे थे। लैपटॉप देखने की हिम्मत तो श्रवण की नहीं हुई पर उन्हें देखकर कई सवाल उसके दिमाग में आ रहे थे।
थोड़ा सैटल होने के बाद श्रवण ने हिम्मत करके सवाल जवाब का सिलसिला शुरू कर ही दिया और उस सज्जन ने भी विनम्रता से अपना परिचय दिया। काफी समय से परेशान कर रहे एक सवाल को श्रवण ने आखिरकार पूछ ही लिया, “सर, आप इकोनॉमी क्लास में क्यों सफर रहे है? मुझे तो लगा था कि आप बिज़नेस क्लास में सफर करते होगे।” इतना सुनकर हंसते हुये उन्होंने श्रवण पर ही सवाल दाग दिया, “यह बताओ, क्या बिज़नेस क्लास से मैं जल्दी पहुंच जाउंगा?”
“पर आपको आराम नहीं मिल पा रहा होगा, इसी लिये आपसे पूछा।“ झेपते हुये श्रवण ने कहा।
“अरे नहीं, सोचो न मेरी उम्र के कितने ही लोग सिर्फ इस बात से खुश हो जाते हैं कि उन्हें हवाई सफर करने को मिल रहा है। और आराम का क्या है, जैसा सोचोगे वैसा ही महसूस करोगे।“ उनके इस जवाब ने श्रवण को सोचने पर मज़बूर कर दिया कि इतना अमीर व्यक्ति साधारण चीज़ों में भी सुकून महसूस करता है।
बस यहां से जो बातों का सिलसिला शुरू हुआ, तो रूकने का नाम ही नहीं ले रहा था। पर श्रवण के मन में एक सवाल और था कि कोई तो ऐसी बात होगी, जिसका इन्हें हमेशा मलाल रहता हो।
बस जैसे ही फ्लाइट लैंड करने की अनाउंसमेंट हुई तो श्रवण ने झट से पूछ ही लिया, “ सर, आप इतने बिज़नेस चलाते है और कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते है, पर कोई ऐसी बात जिसका आपको पछतावा है।“
यह सुनकर वह बहुत गंभीर हो गये और कहा, “ जब कभी मेरे घुटनो में दर्द होता है, तो लगता है कि मुझे अपने शरीर का बेहतर ढंग से ख्याल रखना चाहिए था। पहले सेहत का ध्यान नहीं रखा और आज ज़्यादा काम करना भी चाहूं तो मेरा शरीर इसकी इजाज़त नहीं देता। आप युवा हैं, स्मार्ट और महत्वाकांक्षी हैं, लेकिन मैंने जो गलती की है उसे दोहराएं नहीं। अपने शरीर की उचित देखभाल करें और आराम ज़रूर करें।“
उस दिन श्रवण ने दो चीज़ें सीखी, पहली कि जीवन में अमीर होना ज़रूरी नहीं है। ज़रूरी है एक अच्छा इंसान होना और एक अच्छी ज़िंदगी जीना। एक ऐसी ज़िंदगी जिस में आप अपने और अपनों के लिए समय निकाल सकें, और जब पीछे मुड़कर देखें, तो कोई पछतावा न हो, सिर्फ गर्व हो।
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