कैसे बनें बेहतर भाई-बहन

कैसे बनें बेहतर भाई-बहन

अपने छोटे भाई-बहनों के लिए बनाए केयरिंग रिश्ता
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भाई-बहन या सिबलिंग का रिश्ता बहुत खास होता है, वह जितना लड़ते हैं उतना ही एक-दूसरे से प्यार भी करते हैं। अगर आपके भी भाई या बहन है, तो आपको पता होना चाहिए कि आप एक बेहतरीन सिबलिंग कैसे बन सकते हैं।

अपने व्यवहार को संतुलित करना सीखें

बच्चे हमेशा अपने से बड़ों को देखकर सीखते हैं, उनकी बात सुनने की बजाय जो वह करते हैं उसे फॉलो करते हैं। इसलिए बड़े भाई-बहन होने के नाते याद रखिए कि उसकी नज़र में आप सुपरहीरो है और वह आपकी ही नकल करेगा। आपको यह थोड़ा इरिटेटिंग लग सकता है कि एक छोटा बच्चा हर जगह आपकी नकल कर रहा है, लेकिन वह तो आपको आब्ज़र्व करता है, इसलिए अपने काम और व्यवहार को संतुलित करके आप अच्छी मिसाल पेश कर सकते हैं।

खुद को याद दिलाते रहिए कि आप पैरेंट्स नहीं है

बड़ा भाई या बहन होने के नाते हम सोचते हैं कि छोटे की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है। कई बार इस वजह से हम थोड़े डोमिनेटिंग हो जाते हैं, जिसे हमें रोकना चाहिए। छोटे भाई-बहन के लिए भी यह महत्वपूर्ण है कि वह अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जिएं, इसका यह मतलब नहीं है कि हम उन्हें सही-गलत के बारे में न बताएं, बल्कि हमें सबके बीच एक संतुलन स्थापित करना होगा।

एक-दूसरे की  करें केयर
एक-दूसरे की करें केयर  | इमेज : फाइल इमेज

दोस्त बनना बेहतर होता है

याद रखिए अपने छोटे भाई-बहन के सलाहकार बनने से बेहतर है कि उसके पार्टनर और दोस्त बनें। आप उन्हें ये बता सकते हैं कि उसके फैसले के क्या फायदे और नुकसान हैं, लेकिन उस पर अपने फैसले थोप नहीं सकते। बड़ा होने के नाते आपको धैर्य रखना होगा और यह यकीन करना होगा कि उसका फैसला सही है, लेकिन उसे यह एहसास दिलाए कि आप हमेशा उसके पीछे खड़े हैं, चाहे उसका फैसला कुछ भी हो।

उसकी बात सुनें

जब आपका छोटा भाई/बहन आपसे अपनी ज़िंदगी की कोई बात शेयर करना चाहे तो आप कितने भी थके क्यों न हो, ध्यान से उसकी बात सुनें। उससे अच्छा महसूस होगा और आपको पता चलेगा कि आखिर उसकी लाइफ में चल क्या रहा है और आपकी बॉन्डिंग भी मज़बूत होगी।

एक-दूसरे की  करें केयर 2
एक-दूसरे की करें केयर |इमेज : फाइल इमेज

उन्हें बताएं की आप हमेशा उनके साथ हैं

कम्युनिकेशन यानी बातचीत बहुत ज़रूरी है। अपने भाई-बहन के साथ भले ही शारीरिक रूप से आप हमेशा साथ न रहें, लेकिन फोन/मैसेज के जरिए नज़दीकी बनाए रखें और उन्हें बताएं कि उसे जब भी आपकी ज़रूरत होगी आप उनके पास पहुंच जाएंगे।

अहंकार न आने दें

कई बार ऐसा होता है जब हमारे सिबलिंग को वो चीज़ मिल जाती है, जिसकी चाहत हमें होती है या वह हम से किसी चीज़ में बेहतर होता है। ऐसे में सतर्क रहें और अपने रिश्तों में अहंकार को न आने दें। याद रखिए कि बतौर सिबलिंग आपका काम एक-दूसरे को और बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

रोल मॉडल बनें

बड़े भाई-बहन छोटों की नज़रों में रोल मॉडल होते हैं। इसलिए आप यह खुद तय करें कि आपके छोटे भाई-बहन आपसे क्या सीखें? आपके छोटे भाई-बहन भले ही हमेशा मुंह से न बोलें, लेकिन वह चाहते हैं कि आप उन्हें प्रोत्साहित करें और आपको अपने फैसलों की जवाबदेही लेनी होगी। जो कहते हैं, वही करें भी। ऐसी कोई सलाह नहीं दें, जिसे आप खुद फॉलो नहीं करते हैं क्योंकि जब छोटा भाई-बहन यह कहेगा, ’आप कभी मेरे रोल मॉडल थे।’ तो आपको यकीनन बहुत दुख होगा। इसलिए हमेशा सही काम करें और उसके सामने मिसाल पेश करें ताकि वह भी सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ सकें।

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