अगर किसी काम को करने का ठान लिया जाए, तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता और मुंबई के रेलवे सुरक्षा बल की एक महिला अधिकारी विनीता शुक्ला ने इसे बखूबी करके भी दिखाया है। दरअसल उन्हें दादर स्टेशन की सीढ़ियों पर एक बच्चा बैठा दिखा जो ना बोल सकता था और ना सुन सकता था।
विनीता शुक्ला ने बच्चे से जानकारी लेने की कोशिश की, तो वह अपने घर या माता-पिता के बारे में कुछ भी नहीं समझा पा रहा था। इसी के चलते पुलिस ने उसे शेल्टर होम भेज दिया लेकिन सब इंस्पेक्टर विनीता को बार-बार उस बच्चे का ख्याल आ रहा था। वह हर हाल में बच्चे की मदद करना चाहती थी और बच्चे को परिवार से मिलाना चाहती थी।
बार-बार की कोशिश
हालांकि बच्चे को बोलने-सुनने में दिक्कत थी लेकिन फिर भी विनीता उससे बार-बार बात करती रहीं। बार बार बात करने पर बच्चे ने आरा का नाम लिया। इसी आधार पर विनीता ने बिहार की आरा पुलिस से संपर्क किया और लड़के की तस्वीर भेजी। इंस्पेक्टर ने कन्फर्म किया कि एक बच्चा जगदीशपुर इलाके से गायब है और उसके पैरंट्स बच्चे को ढूंढ रहे हैं।
गांववालों ने भी की मदद
बच्चे के पैरेंट्स आर्थिक रूप से इतने मज़बूत नहीं थे कि वह मुंबई आ सके, इसलिए गांववालों ने उनकी मदद की और वह मुंबई आ गए। शेल्टर होम में जब वह अपने बच्चे से मिले, तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उन्होंने विनीता को तहे-दिल से धन्यवाद देने के साथ ढ़ेर सारी दुआएं भी दी।
दरअसल वह बच्चा किसी बात से नाराज़ होकर घर से भाग गया थ। जब विनीता की नज़र उस बच्चे पर पड़ी, तब वह पिछले आठ दिनों से भूखा था और कांप रहा था। विनीता ने पहले उसे खाना खिलाया फिर बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया।
पहले भी कर चुकी हैं मदद
सब इंस्पेक्टर विनीता शुक्ला की यह कहानी बेहद भावनात्मक है। यह पहली बार नहीं है, जब उन्होंने किसी बच्चे को परिवार से वापस मिलाने में मदद की है। इससे पहले भी घर से भागकर आईं 14 और 16 साल की दो लड़कियों को वह स्थानीय पुलिस की सहायता से घर वापस भेज चुकी हैं।
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