देश के लिए इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है कि कश्मीर की इरम हबीब राज्य की पहली मुस्लिम पायलट महिला बनी है। हालांकि इरम से पहले कश्मीरी तन्वी रैना साल 2016 में घाटी की पहली महिला पायलट बनी थी लेकिन परंपरावादी समाज से पायलट बनने की राह इरम के लिए इतनी आसान नहीं थी। आज समाज और देश इरम की इस कामयाबी पर गर्व महसूस कर रहा है पर इस सफलता को पाने के लिए इरम को काफी मेहनत करनी पड़ी थी। कहते है कि जब सपनों को पूरा करने की चाहत हो तो मुश्किलें भी खुद ब खुद दूर हो जाती है।
तो आइये, आज हम इरम की इस सफलता की कहानी आपको बताते है –
इरम हबीब कौन है?
कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में रहने वाली इरम ऐसे परिवार से आती है, जिसमें सरकारी नौकरी को ही बढ़ावा दिया जाता है। एक तरफ बिज़नेसमैन पिता इरम को पीएचडी करवाकर सरकारी नौकरी में लगवाना चाहते थे तो दूसरी तरफ इरम ने 12वीं क्लास में ही आसमान में उड़ने का सपना देख लिया था।
सपना कैसे हुआ पूरा ?
कहते है कि जब पूरी ईमानदारी के साथ सपने पूरे करने की चाहत हो तो कोई भी रूकावट रास्ता नहीं रोक सकती। इरम के परिवार को लगता था कि पायलट की जॉब लड़कियों के लिए नहीं है, इसलिए शायद उन्हें यह समझ ही नहीं आ रहा था कि इरम ने यह सोचा भी कैसे।
इधर इरम ने भी ठान लिया था कि वह पायलट बनकर ही दम लेगी। इसलिए वह लगातार अपने पिता को मनाती रही और मनाने का यह स्ट्रगल करीब छह साल चला। इसी बीच इरम ने अपनी ग्रेजुएशन देहरादून से पूरी की और बाद में शेर ए कश्मीर यूनिवर्सिटी से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट किया। डेढ़ साल पीएचडी करने के बाद इरम ने साल 2016 में अमेरिका के एक फ्लाइट स्कूल में ट्रेनिंग ली।
देश के लिए प्यार
वैसे तो इरम को ट्रेनिंग के बाद अमेरिका और कनाडा में पायलट का लाइसेंस भी मिल गया था लेकिन उनकी इच्छा भारत में ही रहने की थी, इसलिए वह अपने देश लौट आई। अब उन्होंने भारत में लाइसेंस के लिए दिल्ली में क्लासेस ज्वाइन की है। इरम चाहती तो विदेश में रह सकती थी पर देशभक्ति की भावना के चलते ही उन्होनें यह फैसला लिया। जब खुद में अपने देश के लिए प्यार महसूस होता है तो न सिर्फ आप खुशी महसूस करते है बल्कि आपसे लोगों को पॉज़िटिव वाइब्स भी मिलती है।
आज इरम की इस सफलता पर परिवार के साथ साथ देश को भी नाज़ है। उम्मीद है कि महिलाएं ऐसे ही देश का नाम रोशन करती रहेंगी और ज़िंदगी में मिलने वाले ऐसे उदाहरण लोगों को पॉज़िटिव सोच देते रहेंगे।