स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद बहुत ज़रूरी है, लेकिन कुछ लोग नींद से जुड़ी ऐसी बातों को भी सच मान लेते हैं जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। कुछ लोग नींद को बिल्कुल अहमियत नहीं देते तो कुछ ज़्यादा सोने को सेहत का निशानी मानते हैं। कहीं आप भी तो नींद से जुड़े किसी भ्रम को सच नहीं मानते। यदि ऐसा है तो आपको यह लेख ज़रूर पढ़ना चाहिए।
भ्रम – सेहतमंद रहने के लिए 8 घंटे की नींद ज़रूरी है।
सच्चाई- ज़रूरी नहीं है कि हर किसी को 8 घंटे की नींद ही चाहिए कुछ लोग 6-7 घंटे सोने के बाद भी सुबह बिल्कुल तरोताज़ा और ऊर्जावान रहते हैं, जबकि कुछ लोग 8 घंटे सोने के बाद भी आलस से भरे और सुस्त नज़र आते हैं। नींद की ज़रूरत हर व्यक्ति की अलग-अलग होती है इसके लिए कोई निश्चित नंबर नहीं है। हालांकि कई रिसर्च के मुताबिक, 6 घंटे से कम सोना आपकी दिल की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए पहले अपने शरीर को समझें फिर नींद के घंटे तय करें। जैसे यदि सुबह उठने के बाद आपको थकान महसूस हो रही है और एनर्जी के लिए चाय या कॉफी पीना पड़े तो समझ लीजिए कि आपकी नींद पूरी नहीं हुई है और कुछ देर और सोना चाहिए।
भ्रम – दोपहर में सोने पर रात में नींद नहीं आती।
सच्चाई- दोपहर में थोड़ी देर के लिए सोने पर आपकी रात की नींद प्रभावित नहीं होती है, बल्कि इससे आप फ्रेश महसूस करते हैं। दोपहर में आधे घंटे की नींद लेने में कोई हर्ज नहीं है, इससे आपकी थकान भी दूर हो जाती है और यदि रात में नींद पूरी न होने की वजह से आलस आ रहा हो वह भी दूर हो जाता है। लेकिन ध्यान रहे दोपहर में लगातार कई घंटों तक सोए रहना ठीक नहीं है। इससे आपकी रात की नींद प्रभावित हो सकती है और उठने के बाद आपको और आलस आएगा।
भ्रम – छुट्टी के दिन पूरे हफ्ते की नींद पूरी कर सकते हैं।
सच्चाई- कुछ लोगों को लगता है कि पूरे हफ्ते घर-ऑफिस के काम के चक्कर में उनकी नींद पूरी नहीं हो पाई है इसलिए वीकेंड यानी शनिवार/रविवार को वह ज़्यादा देर तक सोकर अपने हफ्तेभर की नींद का कोटा पूरा कर सकते हैं, तो यह बात बिल्कुल गलत है। दरअसल, शरीर सही तरह से तभी काम करता है जब रोजाना आपके सोने और उठने का समय तय हो। इसलिए बेहतर होगा कि आप रोजाना एक ही समय पर सोने और उठने की कोशिश करें, वीकेंड पर भी।
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भ्रम – ज़्यादा सोना सेहत के लिए अच्छा होता है।
सच्चाई- कुछ लोगों को लगता है कि जो ज़्यादा सोते हैं वह तनावमुक्त रहते हैं और उनकी सेहत भी अच्छी रहती है, लेकिन यह सच नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक, किसी विशेष परिस्थिति जैसे बीमारी आदि से उबरने के बाद ज़्यादा सोना सामान्य है, लेकिन आम परिस्थितियों में अधिक देर तक सोना किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या या डिप्रेशन का संकेत हो सकता है।
भ्रम – रात में कसरत करने से सोने में परेशानी होती है।
सच्चाई- विशेषज्ञों का मानना है कि रात में हल्की-फुल्की कसरत करने से नींद अच्छी आती हैं। हां, सोने से कुछ देर पहले बहुत थका देने वाली एक्सरसाइज से परहेज़ करें।
उम्मीद है इसे पढ़ने के बाद नींद से जुड़ी आपकी कुछ गलतफहमिया दूर हो गई होंगी।
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