हार्मोनल बदलावोँ के कारण शारीरिक और मानसिक बदलाव के दौर से गुजरना टीनेजर्स के लिए तो मुश्किल होता ही है, साथ ही उनके मूड स्विंग से निपटना पैरेंटेंस के लिए भी आसान नहीं होता। टीनेज में बच्चे भावनाओं के उतार-चढ़ाव के बीच इस कदर फंस जाते हैं कि डिप्रेशन, एंग्ज़ाइटी, मूड स्विंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मानसिक शांति के लिए माइंडफुलनेस बेहद ज़रूरी है, लेकिन टीनेजर्स में इसे विकसित करना आसान नहीं हैं। इसके लिए पैरेंट्स को थोड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
जो बोलते हैं उस पर अमल करें
चाहे छोटे बच्चे हों या टीनेज वह हर बात अपने माता-पिता से ही सीखते हैं, तो यदि आप अपने बच्चे को माइंडफुल बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको खुद इसकी प्रैक्टिस करनी होगी। जब तक आप खुद इसे नहीं करेंगे, इसके असल फायदे नहीं जान पाएंगे और बच्चे को सही तरीके से नहीं समझा पाएंगे कि माइंडफुलनेस क्यों और कितना ज़रूरी है। सिर्फ खोखले शब्दों से आप बच्चों को मूर्ख नहीं बन सकते, आपको सही मायने में माइंडफुलनेस के फायदे समझकर बच्चे को इसके लिए राज़ी करना होगा।
अपने कहानी शेयर करें
अपने टीनेज बच्चे को खुद से जोड़ने का एक अच्छा तरीका है कि उन्हें अपने टीनेज के स्ट्रगल और अन्य चीज़ों के बारे में बताएं और कैसे आपने अपनी ज़िंदगी में माइंडफुलनेस का इस्तेमाल किया। इससे बच्चा आपके साथ कंफर्टेबल महसूस करेगा और आपकी बातों को ध्यान से सुनेगा। जब आप उनसे अपने अनुभव शेयर करेंगे, तो वह भी अपने दिल की बात आपसे बेझिझक कहेंगे और हो सकता है वह माइंडफुलनेस टेक्नीक अपनाने के लिए भी तैयार हो जाए।
कैसे सिखाएं
यदि आप बच्चे से कहेंगे कि माइंडफुलनेस से ‘मानसिक शांति’ मिलती है, तो वह आपकी बात एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देंगे। टीनेजर्स को यह बताना ज़रूरी है कि इससे उन्हें क्या फायदा होगा। उनकी ज़िंदगी में हज़ारों चीज़ें ऐसी चल रही होती है, उन्हें जिसके जवाब की तलाश होती है। ऐसे में उन्हें रियल उदाहरण दें, कि माइंडफुलनेस उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को किस तरह से बदल देगा। उदाहरण के लिए रिसर्च के मुताबिक, माइंडफुलनेस टीनेजर्स को सुकून, स्ट्रैस मैनेज करना और बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। यह एग्ज़ाम में उनकी परफॉर्मेंस सुधारने में भी मदद करता है। इस तरह के प्रैक्टिल फायदे बताकर आप बच्चे को माइंडफुलनेस के लिए राजी कर सकते हैं।
माइंडफुलनेस का कॉन्सेप्ट टीनेजर्स के लिए थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि उन्हें यह ‘कूल’ नहीं लगता, लेकिन एक बार जब वह इसे शुरू करेंगे तो इसके फायदे उन्हें सालों साल माइंडफुलनेस को अपनाने के लिए बाध्य कर देंगे।
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