आपके स्वास्थ्य का पानी से सीधा रिश्ता है और अगर पीने का पानी साफ़ न हो, तो शरीर को कई तरह के रोग लगने में देर नहीं लगती। ज़्यादातर डॉक्टरों का भी यही मानना है कि आज के भागदौड़ भरे जीवन में यदि नियमित स्वच्छ पानी ही पिया जाए, तो कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। ये बीमारियां गंदे पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवाणुओं के कारण होती हैं, जो गंदे पानी के साथ से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
तरलटेक सॉल्यूशंस से मिला समाधान
ऐसे में पानी की वजह से होने वाली बीमारियों के कई कारक हो सकते हैं, जिनमें वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और पेट में होने वाले रिएक्शन प्रमुख हैं। इसी दूषित पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए 59 साल के पूर्व मरीन चीफ इंजीनियर अंजन मुखर्जी ने एक उपाय खोज निकाला है। उन्होंने एक ऐसा डिवाइस खोजा है, जिससे दूषित पानी को शुद्ध कर पीने लायक बनाया जा सकता है। उनका मानना है कि सिर्फ टेक्नोलॉजी के ज़रिए ही दूषित पानी की समस्या को दूर किया जा सकता है। उन्होंने इस काम में अपनी पत्नी पियूल मुखर्जी की मदद लीऔर वर्ष 2017 में तरलटेक सॉल्यूशंस की शुरुआत की। “अंजन मुखर्जी कहते हैं, ‘तरलटेक डिसइन्फेक्शन रिएक्टर’ एक ‘फिट एंड फॉरगेट’ टेक्नोलॉजी है।
बोरवेल हैंड पंप में लगाया जाता है यह रिएक्टर
यह हथेली के साइज का एक रिएक्टर है, जो बोरवेल हैंड पंप के पानी में बैक्टीरिया को खत्म करता है और पानी से होने वाली बीमारियों से हमारा बचाव करता है। यह केवल एक फ़िल्टर नहीं है, बल्कि एक टेक्नोलॉजी है। इस रिएक्टर का इस्तेमाल इलेक्ट्रिीसिटी, फ्यूल, स्मार्टफोन, मोटर, फिल्टर के बिना भी किया जा सकेगा और इसमें किसी भी प्रकार की मेंटेनेस, ऑपरेशनल कॉस्ट और टेक्निशियन की जरुरत भी नहीं होगी।
ऑटोमेटिक है यह तकनीक
जब पानी का प्रेशर ज्यादा होता है, तब हैंड पंप में लगा यह डिवाइस पानी में छुपे बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करता है। ऐसा माना जाता है कि यह पानी में छिपे 99 प्रतिशत बैक्टीरिया को खत्म कर पानी को शुद्ध बना देता है। महाराष्ट्र के जुन्नार जिले में गांववालों ने बिना किसी सरकारी या प्राइवेट संस्था की मदद के गांव में 12 रिएक्टर्स लगवाए हैं। सबसे पहले जुन्नार में केवल एक रिएक्टर से इसकी शुरुआत हुई थी, लेकिन जब गांव वालों को रिएक्टर वाले हैंड पंप और साधारण हैंड पंप के फर्क का पता चला, तो उन्होंने उसी वक़्त पैसे जोड़कर तरलटेक रिएक्टर्स खरीदे और गांव में लगे सभी हैंड पंपों में इसे फिट करवाए।
इस तरह के डिवाइस से जब एक गांव की समस्या का काफी हद तक समाधान हो गया और अगर इसे पूरे देश में इस्तेमाल किया जाए, तो दूर दराज के गांवों में रहने वाले लोगों को भी साफ और स्वच्छ पानी मिलना आसान हो जाएगा।
और भी पढ़े: अब जिएंगे खुलकर