डीसीपी पिता ने किया आईपीएस बेटी को सैल्यूट, जिया ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत लम्हा

डीसीपी पिता ने किया आईपीएस बेटी को सैल्यूट, जिया ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत लम्हा

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अक्सर कहा जाता है कि अगर बच्चे मां-बाप से आगे निकल जाएं, तो उनके लिए इससे बढ़कर कुछ नहीं होता। कुछ ऐसे ही पल हैदराबाद के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस ए आर उमामाहेश्वरा शर्मा ने भी महसूस किए। हैदराबाद के कोंगरा कालन में हुई तेलंगाना राष्ट्रीय समिति की एक सार्वजनिक मीटिंग में डीसीपी ए आर उमामहेश्वरा शर्मा की ड्यूटी थी। यहीं पर उनकी बेटी और जाग्टियाल जिले की एसपी सिंधु शर्मा की भी तैनाती थी।

डीसीपी ने किया आईपीएस बेटी को सैल्यूट

सिंधु शर्मा को इवेंट में शामिल हुई महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। इसी इवेंट में सीनियर रैंक होने की वजह से डीसीपी उमामहेश्वरा के सामने उनकी बेटी आईं तो उन्होंने प्रोटोकॉल निभाते हुए अपनी बेटी को सैल्यूट किया और दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिए।

एक साथ थी ड्यूटी

ए आर उमामहेश्वरा ने कहा कि, ‘वो मेरी सीनियर ऑफिसर है। जब ड्यूटी के दौरान उसे देखता हूं तो सैल्यूट करता हूं। एक बार जब घर में आते हैं तो अपने-अपने पापा और बेटी के रोल में होते हैं। हम कभी ऑफिस का काम या ऑफिस से जुड़ी बातें घर पर डिस्कस नहीं करते हैं।’

इमेज: द न्यूज मिनट

लेकिन घर में एक ही बॉस

साथ ही उन्होंने कहा, ‘घर में सिर्फ एक बॉस है और वो मेरी पत्नी हैं। उनकी मर्जी के बिना हमारे घर में कुछ भी नहीं होता है।’ जब उनसे इस खास लम्हें के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘यह पहली बार है, जब हम अपनी ड्यूटी के दौरान एक दूसरे के सामने आए। हमारा रिश्ता घर और ऑफिस में बिल्कुल अलग है।’

आईपीएस के साथ सुपरमॉम भी

आपको बता दें कि सिंधु शर्मा का एक बेटा भी है और उनके पिता ने शेयर किया कि सिंधु एक मां का रोल भी बखूबी निभाती हैं। ए आर उमामहेश्वरा ने 1985 में बतौर सब-इंस्पेक्टर करियर की शुरूआत की तो वहीं, सिंधु 2014 में आईपीएस ऑफिसर बनीं। यह पहली बार था, जब दोनों की पोस्टिंग एक ही जगह पर हुई थी लेकिन इससे डीसीपी ए आर उमामहेश्वरा को एक ऐसा लम्हा जीने के लिए मिला, जिसका शायद हर माता-पिता को अपनी जिंदगी में इंतज़ार रहता है।

छोटे पलों को जीने से परफेक्ट बनती है जिंदगी

उमामहेश्वरा अगले साल रिटायर होने जा रहे हैं लेकिन ये एक ऐसा मोमेंट हैं, जिसे वो हमेशा याद रखेंगे। दोनों की यह कहानी थोड़ी इमोशनल जरूर है लेकिन साथ ही इस बात का भी यकीन दिलाती है कि जिंदगी के छोटे-छोटे लम्हें भी हमें खूब इंज्वॉय करने चाहिए क्योंकि यही हमारी जिंदगी को परफेक्ट बनाते है।

 

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